हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा क्षेत्र में बुजुर्ग महिलाओं को ठगने वाले गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जो राजस्थान, पंजाब और गुजरात सहित कई राज्यों में ठगी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
पीलीबंगा थानाधिकारी अशोक बिश्नोई ने बताया कि वार्ड नंबर 7, लखासर निवासी 70 वर्षीय परमेश्वरी ने शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि 6 जनवरी को वह सरकारी अस्पताल में इलाज करवाने के बाद खरलियां बस स्टैंड पर खड़ी थीं। इस दौरान एक महिला और एक पुरुष उनके पास आए। महिला ने उनके कानों में पहनी सोने की बुजली चोरी से बचाने का झांसा देकर उतरवा ली और सुरक्षा का आश्वासन दिया।
महिला ने बुजली को एक रूमाल में बांधकर वापस देने का नाटक किया और उन्हें पैसे देने का प्रलोभन दिया। जब पीड़िता ने रूमाल खोला, तो उसमें सिर्फ कोरे कागज और 50 रुपये का नोट निकला। ठगी का अहसास होते ही उन्होंने आसपास तलाश की, लेकिन आरोपी फरार हो गए।
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पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने विशेष टीम गठित की। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राज कंवर और वृताधिकारी हंसराज बैरवा की निगरानी में थाना प्रभारी अशोक बिश्नोई के नेतृत्व में कार्रवाई की गई।
गिरोह का खुलासा और गिरफ्तारियां
गहन जांच के बाद पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें अर्जुन (20) निवासी भटिंडा, पंजाब, वीरूराम (45) निवासी श्रीगंगानगर, राजस्थान और कृष्णा देवी (40) निवासी श्रीगंगानगर, राजस्थान है। ये आरोपी बस स्टैंड और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को ठगने का काम करते थे। उनके पास विभिन्न राज्यों के आधार कार्ड मिले हैं, जिससे वे अपनी असली पहचान छिपाते थे।
अन्य वारदातों की जांच जारी
आरोपियों ने पंजाब, राजस्थान और गुजरात में कई ठगी की घटनाओं को अंजाम देने की बात स्वीकार की है। पुलिस अब अन्य मामलों की जांच कर रही है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। हनुमानगढ़ पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति की चालाकी भरी बातों में न आएं और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना पुलिस को दें।