शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती, इस विचार को साकार करते हुए जोधपुर निवासी 73 वर्षीय हनुमान सिंह इंदा ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर समाज के लिए एक प्रेरणास्पद उदाहरण पेश किया है।
मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी के डीन एकेडमिक्स डॉ. इमरान खान ने बताया कि हनुमान सिंह इंदा विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग से जुड़े शोधार्थी रहे हैं। उनका शोध विषय समग्र शिक्षा अभियान: जोधपुर जिले के राजकीय विद्यालयों में कार्यक्रमों की क्रियान्विति एवं उपलब्धियों पर एक विश्लेषणात्मक अध्ययन था।
डीन रिसर्च डॉ. मोहम्मद तालेउज्जमा ने बताया कि यूनिवर्सिटी चेयरपर्सन मोहम्मद अतीक ने हनुमान सिंह को सम्मानित किया, जबकि यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट डॉ. जमील काजमी ने उनके शोध कार्य में विशेष मार्गदर्शन दिया। शोध निर्देशन डॉ. समीना ने किया और मिरिंडा कॉलेज ऑफ एजुकेशन, बैंगलुरु की प्रोफेसर डॉ. मनोरमा शर्मा ने उनका वाइवा लिया। शोध कार्य में पूर्व डीन डॉ. पीयूष शर्मा और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. किशनलाल का विशेष सहयोग रहा।
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हनुमान सिंह इंदा ने 41 वर्षों तक अर्थशास्त्र व्याख्याता के रूप में शिक्षण सेवाएं दीं और सेवानिवृत्त होने के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी लगन बनाए रखी। उन्होंने स्वयं अर्थशास्त्र के विद्यार्थी होने के बावजूद शिक्षा विषय पर शोध कार्य कर यह साबित कर दिया कि सीखने की कोई सीमा नहीं होती। उनके कई पूर्व विद्यार्थी आज विभिन्न उच्च पदों पर कार्यरत हैं, जो उनके शिक्षण के प्रभाव को दर्शाता है।
डॉ. हनुमान सिंह को पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने पर विश्वविद्यालय से जुड़े डॉ. अशोक भार्गव, डॉ. मुमताज, डॉ. फरहा, यूनुस खान पठान, सलमान खान, साबरा कुरैशी सहित सभी फैकल्टी सदस्यों ने बधाई दी। परिवार की ओर से उनकी पत्नी मीना कंवर, पुत्रियों ललिता इंदा, ज्योत्सना इंदा, योगिता इंदा और जवाई संदीप सिंह चौहान, गजेंद्र सिंह सांखला, मनोज सिंह चौहान समेत मित्रों और परिजनों ने भी उन्हें इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं दीं।