आबूरोड रेलवे पुलिस थानाधिकारी मनोज कुमार चौहान ने बताया कि इस मामले में चर्च गली, मुकेश बैंड के पास, गांधीनगर, आबूरोड निवासी कैलाशचंद पुत्र स्व. रामस्वरूप कोली को बीती रात गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं और मुख्य आरोपी विकास कुमार राजपूत की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। गिरफ्तारी की इस कार्रवाई में हेड कांस्टेबल तेजबहादुर सिंह, कांस्टेबल पहाड़सिंह, श्रवणराम, आसूराम, विरधाराम, परसाराम, ओमप्रकाश और बजरंगलाल की अहम भूमिका रही।
कैसे की गई धोखाधड़ी?
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी विकास कुमार राजपूत ने रेलवे स्टेशन आबूरोड पर पेश किए गए डीडी की फोटो प्रति की बैंक से जांच करवाई। इसमें पता चला कि 7 फरवरी 2024 को आईसीआईसीआई बैंक, आबूरोड से कैलाशचंद के बैंक खाते से 60,194 रुपए की डीडी बनाई गई थी, लेकिन उसमें हेरफेर कर 6,60,194 रुपए कर दिया गया।
आरोपी ने डीडी की फोटो कॉपी रेलवे स्टेशन कार्यालय में जमा कर दी और मूल डीडी को बैंक से निरस्त करवा लिया। इसके बाद राशि अपने खाते में ट्रांसफर कर विकास कुमार राजपूत के खाते में स्थानांतरित कर दी। पुलिस ने आरोपी कैलाशचंद को डीडी नंबर 503423 में हेरफेर करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उसे गुरुवार को रेलवे कोर्ट, जोधपुर में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
पढ़ें: एडहॉक कमेटी का कार्यकाल समाप्त, क्रीड़ा परिषद ने मांगा खर्चों का ब्यौरा; आरसीए को कारण बताओ नोटिस
22 मार्च को दर्ज हुआ था मामला
इस मामले में 22 मार्च 2025 को सहायक वाणिज्य प्रबंधक, मंडल कार्यालय अजमेर लालचंद कुम्हार ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि आबूरोड रेलवे स्टेशन पर स्थित स्टॉल नंबर 42, 43, 46 और 47 की खानपान इकाइयां मैसर्स साई बालाजी कॉर्पोरेशन, साहिद इंटरप्राइजेज और यूएसबी कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित की जा रही हैं।
इन स्टॉलों के ठेकेदार विकास कुमार राजपूत ने 18 जनवरी 2023 से 17 अगस्त 2024 तक रेलवे की लाइसेंस फीस जमा करने के नाम पर आईसीआईसीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक, आबूरोड से Sr DFM Ajmer के नाम पर डीडी बनवाए। बाद में इन्हें स्कैन कर निरस्त कर दिया और फर्जी डीडी की फोटो कॉपी रेलवे कार्यालय में जमा कर 1.18 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। अब तक एक आरोपी पकड़ा गया है, जबकि मुख्य आरोपी की तलाश जारी है।