<p style="text-align: justify;">रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि भारतीय रेलवे ने कोविड के बाद से यात्री किराया नहीं बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि आज भी पड़ोसी देशों की तुलना में भारतीय रेलवे का किराया बहुत कम है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे से एक किलोमीटर का चलने का खर्च 1.38 रुपये आता है, लेकिन यात्रियों से केवल 73 पैसे ही लिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि रेलवे यात्रियों से सिर्फ 53 फीसदी ही किराया वसूलता है, जबकि 47 फीसदी डिस्काउंट देता है. </p>
<p style="text-align: justify;">भारतीय रेलवे को लेकर सोमवार (17 मार्च) को लोकसभा में देर रात तक चर्चा हुई, जिसमें सांसदों ने अपने क्षेत्रों और राष्ट्रीय स्तर पर रेलवे को सुझाव दिए थे. इसी चर्चा का जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ये जानकारी दी. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यात्रियों को 60 हजार करोड़ की सब्सिडी देता है रेलवे </strong></p>
<p style="text-align: justify;">रेल मंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे यात्रियों को करीब 60 हजार करोड़ रुपये को सब्सिडी देता है. इस दौरान उन्होंने भारतीय रेलवे का किराया पड़ोसी देशों की तुलना में बहुत कम है. रेल मंत्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि अगर यात्री 350 किलोमीटर की यात्रा करता है तो इसके लिए भारत में 121 रुपये किराया लगता है, वहीं पाकिस्तान में 436 रुपये, बांग्लादेश में 323 रुपये और श्रीलंका में 416 रुपये है. अगर यूरोपीय देशों की बात करें तो वहां तो 15-20 गुना ज्यादा किराया होगा. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>भारतीय रेलवे को तीन हजार करोड़ का प्रॉफिट </strong></p>
<p style="text-align: justify;">अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे को कोविड के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब वो अपने खर्च खुद ही वहन कर रहा है. उन्होंने बताया, सबसे ज्यादा खर्च आइटम पर एक लाख 16 हजार करोड़ का होता है. उसके बाद सैलरी-पेंशनर्स का खर्च 66 हजार करोड़, एनर्जी पर 32 हजार करोड़, फाइनेंशिंग की कोस्ट 25 हजार करोड़ रुपये है. रेलवे का कुल खर्च 2.75 लाख करोड़ का है, जबकि आय 2.78 लाख करोड़ है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सामान ढुलाई में टॉप-3 देशों में पहुंचा भारतीय रेलवे</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रेलवे की उपलब्धियां गिनाते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सामान की ढुलाई में भारत टॉप-3 देशों में शामिल हो गया है. इस मामले में भारत से आगे सिर्फ चीन और अमेरिका हैं. भारत एक साल में 1.6 ट्रिलियन सामान की ढुलाई करेगा, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. बीते 10 सालों में देश में 34 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक बने हैं, जोकि जर्मनी के पूरे रेलवे नेटवर्क से भी ज्यादा है. 50 हजार किलोमीटर की पुरानी पटरियों को बदलकर वहां नई पटरी बिछाई गई है. अब एक साल में भारतीय रेलवे 720 करोड़ पैसेंजर को उनके गंतव्य तक पहुंचाएगी.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस में ट्रांसपोर्ट हो रहा रेलवे का सामान</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रेल मंत्री ने बताया कि बीते कुछ सालों में भारतीय रेलवे बहुत बड़ा एक्सपोर्टर बनकर भी उभरा है. ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भारत के बने मेट्रो कोच जा रहे हैं. सऊदी अरब और फ्रांस में रेलवे की बोगी जा रही हैं. मेक्सिको, स्पेन, जर्मनी इटली में भी रेलवे सामान जा रहा है. जल्दी ही बिहार के नरौरा में बनने वाले लोकोमोटिव दुनिया भर में जाएंगे. तमिलनाडु में बने हुए पहिए दुनिया में एक्सपोर्ट होंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि रेलवे का यात्रियों की सुरक्षा पर भी फोकस है और वो इस पर काम भी कर रह है. </p>
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ट्रेन से 1 KM चलने पर कितना आता है खर्च? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया

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