Farmers Protest March : पंजाब में किसान नेताओं को हिरासत में लेने पर चढ़ा सियासी पारा | protest march: Political temperature rises in Punjab after farmer leaders were taken into custody

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फगवाड़ा व कपूरथला में किसान नेताओं को हिरासत में लिया गौरतलब है कि किसान संगठनों के पांच मार्च को प्रस्तावित ‘विरोध मार्च’ (Farmers Protest March)से एक दिन पहले मंगलवार को कपूरथला पुलिस ने तड़के बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी कर उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस ने कीर्ति किसान यूनियन पंजाब के राज्य महासचिव रशपाल सिंह, बलवंत सिंह मेहराज, अशोक भारती, जरनैल सिंह कालेके, गुरजीत सिंह, इंद्रमोहन सिंह और पाल सिंह जैसे किसान नेताओं को आज सुबह चार बजे हिरासत में लिया। पुलिस कार्रवाई से किसानों में गुस्सा भड़क गया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता मंजीत सिंह राय और सतनाम सिंह साहनी ने पुलिस छापेमारी की कड़ी निंदा की है। उधर फगवाड़ा पुलिस ने भी भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) दोआबा के नेताओं सतनाम सिंह साहनी (जनरल सेक्रेटरी), गुरपाल सिंह पाला (राज्य प्रेस सेक्रेटरी ) और कुलविंदर सिंह अठोली (अध्यक्ष फगवाड़ा ब्लॉक ) को आज सुबह करीब छह बजे उनके घरों से गिरफ्तार कर लिया। आम आदमी पार्टी भाजपा का ही एक हिस्सा : राजा वडिंग पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर संयुक्त किसान मोर्चा के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया। राजा वडिंग ने कहा कि किसानों की शिकायतों को हल करने के लिए रचनात्मक चर्चा करने के बजाय सरकार किसान नेताओं के आवासों पर छापेमारी करने का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि आम आदमी पार्टी भाजपा का ही एक हिस्सा है, जो लगातार पंजाब के किसान समुदाय के विश्वास और हितों के साथ विश्वासघात कर रही है। राज्य के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में पूरी तरह विफल रही है आप उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से आप राज्य के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में पूरी तरह विफल रही है। अब दिल्ली में करारी हार का सामना करने के बाद आप नेता अपने दिखावटी नशा विरोधी अभियान जैसी आधी-अधूरी पहलों के साथ ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं, जो पंजाब के नागरिकों को धोखा देने के लिए एक नाटक के अलावा और कुछ नहीं है। राजा वडिंग ने किसान संघर्षों को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, मुख्यमंत्री को यह याद रखने की जरूरत है कि किसान उनके विरोधी नहीं हैं। वे हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और पंजाब की समृद्धि की नींव हैं। इस करवाई की कीमत राज्य सरकार को चुकानी पड़ेगी: ग्रेवाल पंजाब पुलिस द्वारा किसान नेताओं को गिरफ्तार करने या उन्हें घर में नजरबंद करने का विरोध करते हुए राष्ट्रीय किसान नेता सुखमिंदरपाल सिंह ग्रेवाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को चेतावनी दी है कि इस करवाई की कीमत राज्य सरकार को चुकानी पड़ेगी। ग्रेवाल ने आरोप लगाया कि उनकी चिंताओं को दूर करने के बजाय सरकार ने सख्त रवैया अपनाया, जिसकी व्यापक निंदा हुई। ग्रेवाल ने हिरासत में लिए गए सभी लोगों की तत्काल रिहाई और किसानों के साथ चल रही बैठक से बाहर निकलने के लिए मुख्यमंत्री से आधिकारिक माफ़ी मांगने की मांग की। उन्होंने बढ़ते टकराव ने पंजाब में किसान-सरकार संबंधों की स्थिति पर चिंता जताई है, राजनीतिक और सामाजिक संगठन इस मुद्दे पर अपना पक्ष रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे स्थिति विकसित हो रही है, सभी की निगाहें पंजाब सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं और इस बात पर भी कि क्या बातचीत के जरिए कोई समाधान निकाला जा सकता है।

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