Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ उत्सव जारी है, जिसमें देशभर से साधु-संतों और श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 में बसंत पंचमी पर अंतिम ‘अमृत स्नान’ को ‘जीरो एरर’ बनाने के लिए तैयारी कर रही है. 29 जनवरी को मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं.
सीएम ने अफसरों से कहा कि इस बार भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में आएंगे, ऐसे में किसी को समस्या नहीं होनी चाहिए. साथ ही मेला क्षेत्र के नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने सभी मार्गों पर वाहनों की पार्किंग के लिए स्थान और बढ़ाने के निर्देश दिए
महाकुंभ में भगदड़ 29 जनवरी को संगम स्नान के दौरान भगदड़ के बाद सख्त निर्देश जारी किए गए थे, जिसमें कम से कम 30 लोगों की जान चली गई थी और लगभग 60 लोग घायल हो गए थे. पुलिस के अनुसार, बैरिकेडिंग टूटने के कारण अफरा-तफरी मची थी. घटना के बाद योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज का दौरा कर घायलों से मुलाकात की.
पीएम मोदी करेंगे प्रयागराज का दौरान्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को महाकुंभ नगर का दौरा करेंगे.
बसंत पंचमी के लिए यूपी सरकार की तैयारियां2019 अर्धकुंभ के सफल आयोजन में शामिल दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को इस बार भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है. आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी, जो प्रयागराज में प्रशासनिक कार्यों, खासकर 2019 के अर्धकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन और अंतर-एजेंसी समन्वय में अनुभवी हैं, मेला अधिकारी विजय किरण आनंद के साथ जुड़ गए हैं. ये टीम छह साल पहले भी इस मेगा इवेंट का हिस्सा थी. वहीं, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) भानु भास्कर पूरे मेला परिसर की निगरानी कर रहे हैं.
अमृत स्नान तिथियां:14 जनवरी: मकर संक्रांति (पहला अमृत स्नान)29 जनवरी: मौनी अमावस्या (दूसरा अमृत स्नान)3 फरवरी: बसंत पंचमी (अगला अमृत स्नान)12 फरवरी: माघ की पूर्णिमा26 फरवरी: महाशिवरात्रि
संगम में ड्यूटी करने पहुंचे ट्रेनी IPSप्रयागराज महाकुंभ में 270 प्रोबेशनर IPS अफसर पहुंचे हैं. जिसमें से 77 महिला IPS अफसर हैं. भारी संख्या में पुलिस बल भी बुलाया गया है. बसंत पंचमी स्नान के लिए रूप रेखा संगम किनारे से तैयार की जा रही है. हैदराबाद नेशनल अकादमी से भी भारी संख्या में IPS आए हुए हैं.
दरअसल, अमृत स्नान की तिथियों के अलावा तीन अन्य प्रमुख स्नान दिवस मनाए जाते हैं. एक 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को हुआ, जबकि आने वाले 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) को हैं, जो 12 साल में एक बार होने वाले इस आयोजन का भव्य समापन भी है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने श्रद्धालुओं से संगम के सीमित क्षेत्र में भीड़ न लगाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि फाफामऊ और अरैल के बीच कहीं भी डुबकी लगाने से संगम स्नान का समान आध्यात्मिक लाभ मिलेगा.
नागा साधुओं का शाही स्नानअमृत स्नान का मुख्य आकर्षण नागा साधुओं और संतों का भव्य जुलूस होता है. यह स्नान सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति की ज्योतिषीय स्थिति के आधार पर तय किया जाता है, जिससे माना जाता है कि नदियों की आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है.
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