<p style="text-align: justify;"><strong>Election Commission:</strong> वोटर लिस्ट में मतदाताओं के नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया चुनाव आयोग के सख्त नियमों के तहत होती है, फिर भी राजनीतिक दल अक्सर इस पर सवाल उठाते रहते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे और फर्जी मतदाताओं के नाम जोड़ने का आरोप लगाया. इससे पहले, दिल्ली चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी ऐसे ही आरोप लगाए थे. हालांकि, चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक किसी भी व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने की एक लंबी प्रक्रिया होती है, जिसमें सत्यापन जरूरी होता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया</strong><br />कोई भी व्यक्ति जो वोटर लिस्ट में अपना नाम जोड़ना चाहता है, उसे निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित फॉर्म भरना होता है. बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) उस व्यक्ति की पहचान और स्थानीय पते की जांच करता है. BLO यह सुनिश्चित करता है कि आवेदक वास्तव में उसी क्षेत्र में रहता है या नहीं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>राजनीतिक दलों की भागीदारी<br /></strong>प्रत्येक बूथ पर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहते हैं. अगर किसी नाम पर संदेह हो, तो राजनीतिक दलों को उस पर आपत्ति जताने और शिकायत दर्ज कराने का अधिकार होता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ब्लॉक लेवल अफसर या रिटर्निंग ऑफिसर के पास अपील<br /></strong>अगर कोई व्यक्ति फर्जी तरीके से वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने की कोशिश करता है और BLO ने उसका नाम जोड़ भी दिया, तो उसके फैसले को ब्लॉक लेवल अफसर (BLO) या रिटर्निंग ऑफिसर (RO) के पास चुनौती दी जा सकती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>नाम हटाने की प्रक्रिया</strong><br />अगर किसी मतदाता का नाम गलत तरीके से जोड़ा गया है या किसी राजनीतिक दल को संदेह है, तो वे स्थानीय चुनाव अधिकारी को शिकायत दर्ज कर सकते हैं. चुनाव अधिकारी शिकायत की जांच करके रिपोर्ट तैयार करता है, जिसके आधार पर नाम को लिस्ट में बनाए रखना या हटाना तय किया जाता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या राजनीतिक दलों के आरोप सही हैं?</strong><br />राजनीतिक दल अक्सर मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप लगाते हैं, लेकिन उनके पास इससे जुड़े तथ्यों को चुनाव आयोग को देने का अधिकार होता है. वोटर लिस्ट की कॉपी राजनीतिक दलों को दी जाती है, जिससे वे गलत नामों की पहचान कर सकते हैं. अगर किसी मतदाता का नाम गलत तरीके से जोड़ा गया है, तो राजनीतिक दल केवल आरोप लगाने के बजाय उसकी शिकायत देकर उसे हटवा सकते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है. राजनीतिक दलों के पास भी गलत नामों पर आपत्ति जताने का अधिकार है, लेकिन इसके बावजूद वे अक्सर इस पर राजनीति करते हैं. अगर उनके पास पुख्ता सबूत होते हैं, तो उन्हें आरोप लगाने के बजाय उचित प्रक्रिया के तहत शिकायत दर्ज करनी चाहिए.</p>
<div id="article-hstick-inner" class="abp-story-detail ">
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें- </strong><strong><a title="Pune Rape Case: कैसे पकड़ा गया बस में हैवानियत करने वाला? खोजी कुत्ते, ड्रोन, सैकड़ों पुलिसकर्मी और 68 घंटे" href=" target="_self">Pune Rape Case: कैसे पकड़ा गया बस में हैवानियत करने वाला? खोजी कुत्ते, ड्रोन, सैकड़ों पुलिसकर्मी और 68 घंटे</a></strong></p>
</div>
india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi
ENGLISH NEWS
वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने की है लंबी प्रक्रिया,फिर भी क्यों होती है राजनीति?

- Advertisement -