Political Uproar Shivraj Singh letter: दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की सीएम आतिशी को पत्र लिखा और अपने लेटर में उन्होंने AAP सरकार पर किसानों के हितों पर ध्यान न देने का आरोप लगाया. इस लेटर पर कांग्रेस ने बीजेपी ओर केजरीवाल दोनों को घेरने की कोशिश की.
दिल्ली कांग्रेस कमेटी से अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी दोनों किसान विरोधी हैं. इसके साथ ही देंवेंद्र यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी किसानों के बलिदान पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे, क्योंकि किसान विरोधी काले कानूनों को सर्वप्रथम अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में अधिसूचित किया था.
‘चुनाव आते ही आ रही किसानों की याद’दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने अरविन्द केजरीवाल पर भ्रष्टाचार, कुशासन, जनता की अनदेखी और भाजपा के साथ उनकी मिलीभगत का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव आते ही आम आदमी पार्टी को किसानों की याद आ रही है, जबकि भाजपा द्वारा संसद में पास किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानूनों को सबसे पहले अरविन्द केजरीवाल ने 23 नवम्बर, 2020 को अधिसूचित करके अपना किसान विरोधी चेहरा उजागर कर दिया था और आज संजय सिंह चीख-चीख कर किसानों के बलिदान के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे है.
क्या फिर साथ देगी आप, कांग्रेस ने पूछा सवाल
देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देशव्यापी माफी घोषणा करके काले कृषि कानूनों की वापसी हमारे नेता राहुल गांधी और उनके साथ देश भर के किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सड़क से संसद तक लंबे संघर्ष के कारण ही संभव हुआ था. मैं अरविन्द केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि मोदी सरकार जो फिर से किसान विरोधी काले कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से लाना चाहती है, क्या पहले की तरह दोबारा आम आदमी पार्टी भाजपा के अनैतिक कानूनों के साथ खड़े रहेगी. उन्होंने कहा कि केजरीवाल विधानसभा में कृषि कानूनों की कॉपी फाड़कर राजनीति करके चर्चा में बने थे, लेकिन चुपचाप भाजपा के कृषि कानूनों अधिसूचित करके मोदी जी का किसानों के विरोध में पूर्ण समर्थन दिया था. देवेन्द्र यादव ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने 2020 के घोषणा पत्र में फसल नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर के अनुसार मुआवजा देने की घोषणा की थी परंतु 2022 में दिल्ली के किसानों की फसल के मुआवजे को 20 हजार रुपये प्रति एकड़ पर चेक बांटकर सिर्फ फोटो खिचवाई थी, जबकि सभी किसानों को मुआवजा आज तक नही दिया गया है.
किसानों के साथ खड़ा होना सिर्फ दिखावा- देवेन्द्र यादव
उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल और उनके नेता जनता के बीच भाजपा के खिलाफ बोल रहे हैं, लेकिन बंद कमरे में भाजपा की जनविरोधी नीतियों के साथ मिलकर काम कर रहे है, यह सब दिल्ली की जनता देख रही है और समझ चुकी है. देवेन्द्र यादव ने कहा कि जनता विरोधी और किसान विरोधी भाजपा के काले कृषि कानूनों का समर्थन करके अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की जनता व किसानों के पीठ पर छुरा घोंपने का काम किया था जबकि किसानों के साथ खड़ा होने की सिर्फ केजरीवाल ने नौटंकी की थी, क्योंकि सबसे पहले कृषि कानूनों को अधिसूचित करने वाला दिल्ली पहला राज्य था.
‘चुनावों के नजदीक आते ही किसान हितेषी बयानबाजी’
देवेन्द्र यादव ने कहा कि तीनों काले कृषि कानूनों से न सिर्फ किसान प्रभावित होते बल्कि खेत मजदूर, आड़ती, छोटे व्यापारी और सरकारी मंडियों में काम करने वाले कर्मचारियों सहित जुड़ा मजदूर वर्ग की रोजी रोटी के खिलाफ अरविन्द केजरीवाल ने किसान कानून अधिसूचित करके कार्यवाही की थी. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही किसान हितेषी बयानबाजी करके अरविन्द केजरीवाल सिर्फ वोट की राजनीति कर रहे है क्योंकि सत्ता हासिल करने के बाद जनता की अनदेखी करना उनकी आदत बन चुकी है.
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