23 राज्यों में स्कूलों में बच्चों के नामांकन में गिरावट, यूपी में सबसे ज्यादा कमी

Must Read

PM Poshan Yojana: प्रधानमंत्री पोषण योजना (PM-POSHAN) की समीक्षा के दौरान शिक्षा मंत्रालय (MoE) और देशभर के 33 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के बीच अप्रैल में हुई बैठकों में एक अहम तथ्य सामने आया है. इन बैठकों में योजना के प्रदर्शन, आगामी योजनाओं और बजट पर चर्चा हुई, लेकिन सबसे चिंता की बात यह रही कि 23 राज्यों में स्कूलों में बच्चों के नामांकन (Enrollment) में गिरावट दर्ज की गई है.
इनमें से 8 राज्य ऐसे हैं, जहां एक लाख से ज्यादा छात्रों की संख्या में कमी आई है. इस सूची में सबसे ऊपर उत्तर प्रदेश है, जहां 21.83 लाख बच्चों का नामांकन घट गया है. यह आंकड़ा राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर संकेत है और सरकारों को इस पर जल्द और सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है.
क्या है पीएम पोषण योजना?प्रधानमंत्री पोषण योजना (पहले मिड-डे मील योजना) केंद्र सरकार की तरफ से संचालित एक प्रमुख योजना है, जिसका मकसद सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है. इस योजना का उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को कम करना, स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाना और शिक्षा को प्रोत्साहन देना है. योजना में हर दिन स्कूल में बच्चों को गर्म, ताजा और पौष्टिक भोजन दिया जाता है.
गिरता नामांकन क्यों चिंता का विषय?बच्चों के स्कूल में नामांकन में गिरावट का मतलब है कि या तो बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं, या वे स्कूल ही नहीं आ रहे. इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं – जैसे कि ग्रामीण इलाकों में आजीविका के लिए बच्चों का काम पर लगना, कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक स्थिति बिगड़ना, या स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी.
विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों में मिड-डे मील जैसी योजनाएं बच्चों को स्कूल में बनाए रखने में मदद करती हैं, खासकर गरीब और पिछड़े तबके के बच्चों के लिए. ऐसे में अगर नामांकन घट रहा है तो इसका असर ना सिर्फ शिक्षा बल्कि बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा.
उत्तर प्रदेश की स्थिति सबसे गंभीरयूपी में लगभग 22 लाख बच्चों का नामांकन कम होना केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि लाखों परिवारों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की कहानी कहता है. यह सवाल खड़ा करता है कि क्या बच्चों को शिक्षा और पोषण की मूलभूत सुविधाएं समय पर मिल रही हैं? क्या उन्हें स्कूल आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है?
सरकार को उठाने होंगे ठोस कदमइस स्थिति को सुधारने के लिए राज्य को स्कूलों में पोषण योजना की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा. साथ ही, पंचायतों, स्थानीय निकायों और शिक्षकों को मिलकर बच्चों के स्कूल लौटने के लिए प्रेरित करना होगा. डिजिटल शिक्षा की सीमाएं भी ग्रामीण बच्चों को स्कूल से दूर कर रही हैं, जिससे निपटना बेहद जरूरी है. पीएम पोषण योजना एक अच्छी पहल है, लेकिन यदि बच्चों का नामांकन लगातार घटता रहा, तो योजना का असली मकसद ही पीछे छूट जाएगा. सरकार को जल्द इस पर ध्यान देना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि हर बच्चा न केवल स्कूल जाए, बल्कि उसे बेहतर पोषण और शिक्षा भी मिले.

india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi

ENGLISH NEWS

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -