PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय वार्ता आज सुबह (अमेरिकी समयानुसार गुरुवार रात) संपन्न हुई. इस बातचीत में दोनों देशों के बीच ट्रेड से लेकर टेक्नोलॉजी तक कई सारे मुद्दों पर बातचीत हुई. डिफेंस से लेकर हर विभाग में आपसी सहयोग बढ़ाने से जुड़े कई ठोस फैसले भी लिए गए.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक पोस्ट के जरिए बताया कि दोनों नेताओं ने डिफेंस, सिक्योरिटी, एनर्जी, ट्रेड, टेक्नोलॉजी से जुड़े कई मामलों पर चर्चा की. उन्होंने यह भी लिखा कि इस बातचीत में हर सेक्टर में भारत और अमेरिका की साझेदारी को मजबूत करने पर जोर दिया गया.
क्या-क्या हुए समझौते?
इंडो पैसेफिक में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने का निर्णय. यानी चीन का सामना करने के लिए Quad को प्राथमिकता मिलेगी. Quad भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का समूह है.
क्रिटिकल खनिज, एडवांस्ट मटेरियल और फार्मास्यूटिकल की मजबूत सप्लाई चैन बनाई जाएगी. संयुक्त निर्माण, संयुक्त विकास और टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर पर और ज्यादा जोर दिया जाएगा.
लॉस एंजिलिस और बोस्टन में भारत के वाणिज्य दूतावास खुलेंगे. अमेरिकी यूनिवर्सिटियों को भारत में ऑफशोर कैंपस खोलने का निमंत्रण दिया गया है.
भारत और अमेरिका के बीच तेल और गैस व्यापार मजबूत होगा यानी भारत अब अमेरिका से ज्यादा तेल और गैस खरीदेगा.
अमेरिका भारत में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों की दिशा में सहयोग बढ़ाएगा.
आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने का फैसला लिया गया. इस क्रम में जल्द ही 26/11 अटैक के मास्टरमाइंड में से एक तहव्वूर राणो को जल्द ही अमेरिका से भारत भेजा जाएगा.
रक्षा सौदों में अमेरिका से भारत के फाइटल जेट खरीदने की डील प्रमुख रही. भारत अब अमेरिका से F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान खरीदेगा.
अमेरिका IMEC यानी ‘भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे’ के निर्माण में मदद करेगा. यह भारत से इजराइल, इटली और आगे अमेरिका तक जाएगा.
टैरिफ और डिपोर्टेशन पर क्या बनी बात?टैरिफ को लेकर स्पष्ट बयान सामने नहीं आया. हालांकि मोदी-ट्रंप की बातचीत से पहले ही ट्रंप एक आदेश पर हस्ताक्षर कर चुके थे, जिसमें हर देश के साथ ‘जैसा का तैसा’ टैरिफ लगाए जाने का फैसला था. यानी अमेरिकी उत्पादों पर भारत जितना टैरिफ लगाएगा, उतना ही अमेरिका भी भारतीय उत्पादों पर लगाएगा. टैरिफ वॉर की आशंका के बीच दोनों देशों में अगले पांच साल यानी 2030 तक भारत-अमेरिका व्यापार को दोगुना करने का फैसला लिया गया है.
डिपोर्टेशन के मामले में अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासी भारतीयों का निर्वासन जारी रहेगा. हालांकि यह साफ नहीं है कि आगे भी ऐसे भारतीयों को सैन्य विमान में हथकड़ी और बेड़ियां बांधकर ही लाया जाएगा या नहीं.
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