India-Brazil Defence Coperation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा (6-8 जुलाई) के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी हथियारों को लेकर बड़ा बयान दिया है. राजनाथ सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनियाभर में भारत के स्वदेशी हथियारों की डिमांड बढ़ गई है. खास बात ये है कि पीएम मोदी के दौरे के दौरान भारत और ब्राजील के बीच आकाश मिसाइल सिस्टम सहित रक्षा सहयोग पर अहम चर्चा होने जा रही है.
सोमवार (7 जुलाई 2025) को राजधानी दिल्ली में रक्षा तैयारियों में वित्तीय शासन की भूमिका को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करने वाले डिफेंस अकाउंट्स के एक अहम सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने स्वदेशी हथियारों को लेकर ये बात कही. राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो हमने शौर्य दिखाया है, जो हमने घरेलू सैन्य उपकरणों की क्षमता का प्रदर्शन किया है, उसके बाद हमारे स्वदेशी हथियारों की ग्लोबल डिमांड और भी बढ़ गई हैं.” इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, तीनों सेना प्रमुख, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) एस जी दस्तीदार और रक्षा लेखा महानियंत्रक मयंक शर्मा भी मौजूद थे.
भारत से आकाश एयर डिफेंस सिस्टम के सौदे पर बात
पिछले कुछ समय से ब्राजील, भारत से आकाश एयर डिफेंस सिस्टम के सौदे पर बात कर रहा है. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आकाश मिसाइल सिस्टम की परफॉर्मेंस को देखकर ये संभावना बढ़ गई हैं. पिछले साल अप्रैल (2024) में ब्राजील के कमांडर जनरल थॉमस मिगुएल पाएवा ने मध्यम और लंबी दूरी की एयर डिफेंस सिस्टम की कमी को लेकर अपने देश की एक उच्च स्तरीय कमेटी को आगाह किया था. पाएवा ने कमेटी को बताया कि ब्राजील की सेना के पास 3000 मीटर (तीन किलोमीटर) तक मार करने वाली एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम तो है, लेकिन मीडियम और लॉन्ग रेंज की कमी है.
ब्राजील भारत से करने वाला है बड़ा सौदा
जनरल पाएवा ने ऐसे में ब्राजील के रक्षा मंत्रालय को भारत के साथ ‘गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट’ यानी दोनों देशों की सरकारों के बीच करार का प्रस्ताव दिया था. इस प्रस्ताव के तहत ब्राजील को भारत से आकाश मिसाइल सिस्टम खरीदने की पेशकश की गई थी. इस बाबत ब्राजील ने एक टेंडर (रिक्वेस्ट फॉर क्यूट) भी जारी किया है. हालांकि, इस टेंडर के लिए चीन ने भी दिलचस्पी दिखाई थी. चीन की ‘स्काई-ड्रैगन’ मिसाइल इस रेस में शामिल है. पीएम मोदी ब्रिक्स सम्मेलन (6-7 जुलाई) में शामिल होने के लिए इन दिनों ब्राजील के दौरे पर हैं, लेकिन ब्राजील के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को भी वहीं रहेंगे. इस दौरान रक्षा सहयोग पर अहम चर्चा होने जा रही है.
आर्मेनिया ने भी आकाश मिसाइल पर दिखाई दिलचस्पी
पिछले साल नवंबर में भारत ने आर्मेनिया को भी आकाश मिसाइल प्रणाली को निर्यात किया था. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने आर्मेनिया को आकाश मिसाइल सिस्टम के साथ ग्राउंड सपोर्ट इक्यूपमेंट भी सप्लाई किए थे, जिनमें सर्विलांस रडार, मिसाइल गाइडेंस रडार और सी4आई सिस्टम शामिल थे. आकाश मिसाइल के साथ ही भारत और ब्राजील, पनडुब्बियों के साझा निर्माण पर भी जोर दे रहे हैं. स्वदेशी शिपयार्ड, मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (एमडीएल), फ्रांस की मदद से देश में ही छह (06) स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन बना रहा है. साथ ही तीन (03) अतिरिक्त स्कॉर्पीन सबमरीन बनाने का करार भी फ्रांस से होने जा रहा है. ब्राजील भी भारतीय वायुसेना के मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (एमटीए) प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखा रहा है. ब्राजील की एम्ब्रेयर कंपनी इस प्रोजेक्ट में अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन और यूरोप की एयरबस के साथ टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा ले सकती है. इस प्रोजेक्ट के तहत वायुसेना के पुराने पड़ चुके एएन-32 और आईएल-76 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को किसी आधुनिक विमान से रिप्लेस किया जाना है.
डिफेंस अकाउंट्स के सम्मेलन को किया संबोधित
राजनाथ सिंह ने डिफेंस अकाउंट्स के सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये भी कहा कि “हमारा रक्षा खर्च कुछ ऐसा होना चाहिए, जिसमें सिर्फ हमारा बजट न बढ़े, बल्कि उस बजट का सही समय पर सही जगह, सही उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाए.” राजनाथ सिंह ने कहा कि “आप सब जानते हैं कि रक्षा मंत्रालय का बजट देश में सबसे ज्यादा है. देश की क्या बात की जाए, अगर आप रक्षा मंत्रालय का बजट देखें तो दुनिया के कई देशों की जीडीपी तक इतनी नहीं है. जब देश की जनता की मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा रक्षा मंत्रालय को मिलता है तो जाहिर सी बात है, हमारी जिम्मेदारियां भी उसी अनुपात में बढ़ जाती हैं.”
हमारी लापरवाही से बजट आवंटन में गड़बड़ी हो सकती है- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “आप जिस स्थान पर हैं, वहां आपसे कोई छोटी सी भी गलती अगर हो जाती है तो उस एक गलती से सैनिकों को जरूरी संसाधन समय पर नहीं मिल पाते हैं. हमारी लापरवाही से बजट आवंटन में गड़बड़ी हो सकती है और उसका सीधा असर ऑपरेशनल तैयारियों पर पड़ता है. इसलिए हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा, कि कैसे हम अपनी प्रक्रिया को ज्यादा सटीक और पारदर्शी बनाएं.” राजनाथ सिंह ने हथियारों की खरीद-फरोख्त में पेयमेंट प्रक्रिया जितनी ‘पारदर्शी’ और समय से होगी, उतनी ही प्राइवेट इंडस्ट्री भी रक्षा क्षेत्र में भागीदारी बढ़ेगी. रक्षा मंत्री ने ऐसे में पूरी तरह ‘फेसलेस ट्रांजेक्शन’ पर जोर दिया.
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