PM Modi Lex Fridman Podcast: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के प्रसिद्ध पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ करीब तीन घंटे का लंबा पॉडकास्ट किया. इस चर्चा में बचपन, हिमालय में बिताए समय, सार्वजनिक जीवन और गहरी दार्शनिक अवधारणाओं पर बातचीत हुई.
इस दौरान, जब फ्रिडमैन ने प्रधानमंत्री मोदी से “क्या आपको मौत से डर लगता है?” यह सवाल पूछा, तो पीएम मोदी जोर से हंस पड़े और ठहाके लगाने लगे. सवाल सुनने के बाद पीएम मोदी ने फ्रिडमैन से ही एक सवाल पूछ लिया, “आप निश्चित रूप से किसे मानते हैं? जीवन या मृत्यु?”.
मृत्यु पर पीएम मोदी का विचारफ्रिडमैन ने जवाब दिया, “जीवन नहीं, बल्कि मृत्यु ही सबसे बड़ा सच है.” इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने दार्शनिक अंदाज में उत्तर दिया. उन्होंने कहा, “जीवन ही मृत्यु है. जो भी जीवित है, उसकी मृत्यु निश्चित है. जहां तक जीवन का सवाल है, तो यह लगातार पनपता रहता है.” उन्होंने आगे कहा,”मृत्यु एक अटल सत्य है, तो हमें इससे डरने की क्या जरूरत? हमें अपनी पूरी ऊर्जा जीवन को संवारने और निखारने में लगानी चाहिए, न कि मृत्यु के बारे में सोचकर अपना दिमाग खपाना चाहिए.”
सकारात्मक जीवन दृष्टिकोण पर जोरप्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत में जीवन को अधिक उत्पादक, सार्थक और सकारात्मक बनाने पर जोर दिया. उनका कहना था कि मृत्यु निश्चित है, लेकिन इसे लेकर चिंता करने के बजाय, हमें अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाने की कोशिश करनी चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी की ताकत – भारतीय जनता का समर्थनप्रधानमंत्री मोदी ने पॉडकास्ट में कहा, “मेरी ताकत मेरे नाम में नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों के समर्थन और भारत की सांस्कृतिक विरासत में निहित है.” जब वे किसी विश्व नेता से मिलते हैं, तो वे सिर्फ मोदी नहीं होते, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने भारत की शांति-प्रियता को गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की शिक्षाओं से जोड़ा और कहा कि भारत संघर्ष की बजाय सामंजस्य को प्राथमिकता देता है.
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