‘आलोचनाओं से फर्क नहीं पड़ता, सच मायने रखता है’, गुजरात दंगों पर क्या बोले पीएम मोदी?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में गुजरात दंगों पर भी बात की. इस दौरान पीएम मोदी ने गोधरा ट्रेन की घटना को अकल्पनीय त्रासदी करार दिया और इसे 2002 के गुजरात दंगों के लिए चिंगारी का बिंदु बताया. 
पीएम मोदी ने कहा, ”उस वक्त केंद्र में विपक्ष की सरकार थी. उन्होंने हमारे खिलाफ इन झूठे मामलों में हमें सजा दिलाने की पूरी कोशिश की.” पीएम मोदी ने कहा, उनके प्रयासों के बावजूद, न्यायपालिका ने पूरे घटनाक्रम का विस्तार से विश्लेषण किया. आरोपियों को सजा मिल चुकी है.
‘2002 के दंगों से पहले की घटनाएं जानना जरूरी’
पीएम मोदी ने कहा, “इससे पहले कि आप 2002 के दंगों के बारे में बात करें, मैं आपको स्थिति का उचित अंदाजा देने के लिए पिछले वर्षों की एक तस्वीर पेश करना चाहूंगा. 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली जाने वाले विमान को हाईजैक कर लिया गया और कंधार ले जाया गया. 2000 में दिल्ली में लाल किले पर आतंकी हमला हुआ. 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के ट्विन टावर्स पर आतंकी हमला हुआ. अक्टूबर 2001 में, जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर आतंकी हमला हुआ. 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हमला हुआ.
पीएम मोदी ने कहा, ये वैश्विक स्तर के आतंकवादी हमले थे, जिन्होंने वैश्विक अस्थिरता की चिंगारी सुलगाई. इन सबके बीच, 7 अक्टूबर 2001 को मुझे गुजरात का मुख्यमंत्री बनना था. 24 फरवरी 2002 को मैं पहली बार विधायक बना. 27 फरवरी को मेरी सरकार बजट पेश करने वाली थी, तभी हमें गोधरा ट्रेन हादसे की सूचना मिली. यह बहुत गंभीर घटना थी. लोगों को जिंदा जला दिया गया था. आप कल्पना कर सकते हैं कि पिछली सभी घटनाओं के बाद स्थिति कैसी रही होगी. 2002 से पहले गुजरात में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे.
आलोचनाओं को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?
फ्रीडमैन ने जब पीएम मोदी से पूछा कि वे आलोचनाओं को किस तरह से देखते हैं, खासकर जब बात गुजरात दंगों जैसे संवेदनशील विषयों की आती है. इस पर पीएम मोदी ने जवाब दिया, आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है. हमारे शास्त्र कहते हैं ‘अपने आलोचकों को हमेशा अपने करीब रखें’, क्योंकि वे आपको बेहतर बनाने में मदद करते हैं.
पीएम ने कहा, वास्तविक आलोचना शोध और विश्लेषण पर आधारित होती है. दुर्भाग्य से, आज का मीडिया और राजनीतिक विरोधी अक्सर शॉर्टकट अपनाते हैं, विचारशील आलोचना करने के बजाय निराधार आरोप लगाते हैं. आप जो संदर्भ दे रहे हैं, वे आरोप हैं, आलोचना नहीं. 
पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें पिछले कुछ वर्षों में  जिस विरोध का सामना करना पड़ा, वह तथ्यात्मक के बजाय वैचारिक पूर्वाग्रहों से उपजा था. उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने दंगों के लिए मेरी आलोचना की, उन्हें 2002 से पहले गुजरात के हिंसा के इतिहास की परवाह नहीं थी. उन्हें उसके बाद हुए बदलाव में कोई दिलचस्पी नहीं थी. वे केवल एक ऐसा आख्यान बनाना चाहते थे जो उनके एजेंडे के अनुकूल हो. 
2002 के बाद गुजरात में दंगे नहीं हुए- पीएम मोदीपीएम मोदी ने कहा, 1969 के दंगे 6 महीने तक चले थे. उस समय विपक्ष सत्ता में था, और उन्होंने हमारे खिलाफ इन झूठे मामलों में हमें सजा दिलाने की पूरी कोशिश की. उनके प्रयासों के बावजूद, न्यायपालिका ने पूरे घटनाक्रम का विस्तार से विश्लेषण किया. आरोपियों को सजा मिल चुकी है. 2002 से पहले गुजरात में लगातार दंगे होते रहे, लेकिन 2002 के बाद कोई बड़ी घटना नहीं हुई. 

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