Parliament Winter Session: संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है. संसद के शीतकालीन सत्र में 20 दिन का कामकाज हुआ. सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार (20 दिसंबर 2024) सुबह 11:00 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई. विपक्ष की तरफ से गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर हंगामा हुआ इसके बाद सदन में वंदे मातरम का गान हुआ और लोकसभा अनिश्चित साल के लिए स्थगित हो गई.
राज्यसभा में भी आखिरी दिन हंगामा और शोर शराबा जारी रहा इसके चलते पहले सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक फिर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया लेकिन जब शोर शराबा नहीं थमा तो बाद में सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया. ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिल शीतकालीन सत्र में कितने बिल पास हुए और जनता के कितने मुद्दों पर चर्चा हुई.
अंबेडकर पर बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने
सत्र के आखिरी दिन कांग्रेस के नेताओं ने प्रियंका गांधी के नेतृत्व में विजय चौक से संसद भवन तक मार्च निकाला. उन्होंने गृह मंत्री से बयान पर माफी की मांग की. हालांकि आज इस प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कहीं भी नजर नहीं आए. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी का नाम एफआईआर में दर्ज होने की वजह से उन्होंने प्रोटेस्ट का नेतृत्व नहीं किया.
कांग्रेस सूत्रों ने यह भी बताया है कि वह एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली से बाहर गए हुए हैं. दूसरी ओर बीजेपी के सांसदों ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोला बीजेपी से सांसदों से धक्का मुक्की और नागालैंड की महिला सांसद से बदसलूकी के आरोप में राहुल गांधी के खिलाफ प्रोटेस्ट किया और उनसे माफी की मांग भी की.
देखा जाए तो पूरे सत्र में संसद सिर्फ और सिर्फ हंगामा और प्रदर्शन की गवाह बनी, जबकि सत्र में जनता से जुड़े मुद्दों जैसे महंगाई बेरोजगारी किसान और देश की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की जरूरत थी. संसद में इस बार अदानी, जॉर्ज सोरस, नेहरू और आंबेडकर पूरे शीतकालीन सत्र में यही नाम दोनों सदनों में उछलते रहे.
शीतकालीन सत्र में 84 करोड़ का नुकसान
अक्सर संसद सत्र को लेकर आप ऐसी खबरें देखते और सुनते हैं शायद ही कभी उन्हें गंभीरता से लेते हैं, लेकिन इन खबरों पर गौर करने की जरूरत है क्योंकि यह आपकी और हमारी टैक्स की कमाई से जुड़ा मामला है, जिसका इस्तेमाल संसद की कार्यवाही चलाने में किया जाता है. 20 दिन संसद के शीतकालीन सत्र में कामकाज ना होने का अनुमानित नुकसान 84 करोड़ है. यह वो पैसे हैं, जो हमारे आपके टैक्स से जुटाए जाते हैं.
संसद की कार्यवाही पर प्रति मिनट करीब 2.50 लाख रुपये खर्च होते हैं. लोकसभा और राज्यसभा में कामकाज के घंटे गिने जाए तो लोकसभा में 61 घंटे 55 मिनट काम हुआ तो राज्यसभा में 43 घंटे 39 मिनट कामकाज हुआ. लोकसभा में 20 बैठकें और राज्यसभा में 19 बैठकें हुई. यह तो हुई नुकसान के आंकड़ों की बात, लेकिन इस बार सत्र में एक और रिकॉर्ड बना है. हालांकि इस रिकॉर्ड का परिणाम सुखद नहीं है. 1999 से 2004 के बीच 13वीं लोकसभा में दो सत्रों के दौरान 38 बिल पेश किए गए, जिनमें से 21 पास हुए 2004 से 2009 के दौरान 14वीं लोकसभा में 30 बिल पेश हुए 10 पास हो गए.
इस बार सिर्फ एक बिल पास हुआ
15वीं लोकसभा में 2009 से 2014 के बीच 32 बिल पेश किए गए. इनमें से 17 बिल पास हुए. 2014 से 2019 के दौरान 16वीं लोकसभा में 30 बिल पेश हुए 17 पास हुए. 17वीं लोकसभा में 55 बिल पेश हुए और 42 पास हुए. मौजूदा यानी 18वीं लोकसभा के दो सत्रों में 15 बिल पेश हुए और सिर्फ एक बिल पास हुआ. यह बीती छह लोकसभा में सबसे न्यूनतम आंकड़ा है. वैसे सांसदों के साथ राज्यसभा या लोकसभा दोनों सदनों को चलाने की जिम्मेदारी स्पीकर और उपसभापति की भी होती है, क्योंकि वही संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही का संचालन करते हैं.
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