Parliament Session: सरकार ने गुरुवार (20 मार्च, 2025) को संसद को बताया कि संयुक्त अरब अमीरात में मौत की सजा पाए भारतीय नागरिकों की संख्या 25 है, लेकिन अभी तक इस फैसले पर अमल नहीं हुआ है. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.
विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या कई भारतीय विदेशों में सालों से जेलों में बंद हैं? साथ ही उन भारतीयों का विवरण भी पूछा गया है जो विदेशों में मौत की सजा का इंतजार कर रहे हैं और उनकी जान बचाने के लिए भारत सरकार की ओर से क्या प्रयास किए गए हैं. सिंह ने कहा, ‘‘मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्तमान में विदेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित भारतीय कैदियों की संख्या 10,152 है.’’
सरकार ने संसद में पेश किया आंकड़ा
मंत्री ने कहा कि सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है. सिंह ने आठ देशों से संबंधित सारणीबद्ध आंकड़ा साझा किया और उन भारतीय नागरिकों की संख्या भी बताई जिन्हें मृत्युदंड दिया गया है, लेकिन निर्णय अभी तक लागू नहीं हुआ है. आंकड़ों के अनुसार, यह संयुक्त अरब अमीरात में 25 भारतीय, सऊदी अरब में 11 भारतीय, मलेशिया में छह भारतीय, कुवैत में तीन भारतीय और इंडोनेशिया, कतर, अमेरिका और यमन में एक-एक भारतीय को मौत की सजा सुनाई गई है.
‘भारतीयों की होती है हरसंभव मदद’
उन्होंने कहा ‘‘विदेशों में भारतीय मिशन/पोस्ट भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करते हैं, जिन्हें विदेशी न्यायालयों की ओर से मृत्युदंड सहित सजा सुनाई गई है. भारतीय मिशन/पोस्ट जेलों का दौरा करके काउंसलिंग की पहुंच भी प्रदान करते हैं और न्यायालयों, जेल, लोक अभियोजकों और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ उनके मामलों का अनुसरण करते हैं. जेल में बंद भारतीय नागरिकों को अपील, दया याचिका आदि दायर करने सहित विभिन्न कानूनी उपायों की खोज करने में भी सहायता की जाती है.’’
2020 से 2024 तक नहीं मिली किसी को मौत की सजा
विदेश मंत्रालय से यह भी पूछा गया कि क्या पिछले पांच वर्षों में किसी भारतीय को विदेशी देशों में मृत्युदंड दिया गया है? सिंह ने कहा कि मलेशिया, कुवैत, कतर और सऊदी अरब में ऐसी सजा दी गई हैं. उन्होंने बताया कि 2024 में कुवैत और सऊदी अरब में तीन-तीन भारतीय नागरिकों को मृत्युदंड दिया गया. जिम्बाब्वे में यह आंकड़ा एक था. 2023 में कुवैत और सऊदी अरब में पांच-पांच भारतीयों को मृत्युदंड दिया गया, जबकि मलेशिया में एक भारतीय को मृत्युदंड दिया गया.
उन्होंने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है क्योंकि वहां अधिकारियों ने यह साझा नहीं किया है. उनके अनुसार, भारतीय मिशन के पास उपलब्ध अनौपचारिक जानकारी के अनुसार, 2020 से 2024 तक किसी भी भारतीय को मृत्युदंड नहीं दिया गया है.
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