मानसून सत्र से पहले रविवार (20 जुलाई, 2025) को सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें 51 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया और कई मुद्दों को उठाया. सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि इस सरकार में अनुसूचित जाति, महिलाओं पर अत्याचार बढ़ गए हैं और हम इन मुद्दों को सदन में उठाएंगे. हमने सरकार से साफ कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर, बिहार चुनाव, विदेश नीति का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण है. इसलिए प्रधानमंत्री को इस बैठक में जरूर शामिल रहना चाहिए, लेकिन मुझे लगता है कि सरकार सदन चलाने को लेकर गंभीर नहीं है.
प्रधानमंत्री को लेकर कही ये बातकांग्रेस सांसद तिवारी ने आगे कहा कि जब पीएम को पता था कि वह इन तारीखों पर विदेश में रहेंगे तो उन्होंने सत्र क्यों बुलाया. प्रधानमंत्री को अपनी उपस्थिति पर गौर करना चाहिए कि उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में कितने दिन उपस्थिति दर्ज कराई है. लगता है कि हमारे प्रधानमंत्री लोकतंत्र को लेकर गंभीर नहीं हैं.
इसी के साथ सांसद प्रमोद तिवारी ने संविधान के अनुच्छेद-75 का भी हवाला दिया और कहा कि इस अनुच्छेद के अनुसार, मंत्रीपरिषद सीधे सदन के प्रति उत्तरदायी है. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री एक बार अपनी हाजिरी देख लें कि कितने दिन लोकसभा में आए और कितने दिन राज्यसभा में. मैं आरोप लगाता हूं कि प्रधानमंत्री जी लोकतंत्र के प्रति अपनी गंभीर नहीं हैं.’
मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक
संसद का मानसून सत्र सोमवार (20 जुलाई,2025) से शुरू हो रहा है और इससे पहले 20 जुलाई को सुबह 11:00 बजे संसद के मुख्य समिति कक्ष में सर्वदलीय बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने की. इस सत्र में केंद्र सरकार 8 विधेयक पेश करने की योजना बना रही है. बैठक में सरकार ने राजनीतिक दलों से संसद की प्रक्रिया को सीधी तरह से चलाने की बात की.
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