Jaish-e-Mohammed Chief Maulana Masood Azhar : पाकिस्तान में बसे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई के बाद पूरी तरह से सदमे में हैं. भारत की ओर से की गई कार्रवाई में मसूद अजहर के परिवार के 14 लोग मारे गए.
मौलाना मसूद अजहर का पूरा नाम मौलाना मोहम्मद मसूद अजहर अल्वी उर्फ वली आदम ईसा है. यह पाकिस्तान में बसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है, जो भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की लिस्ट में एक प्रमुख नाम है. मसूद अजहर को 31 दिसंबर, 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के अपहरण के बाद आतंकवादियों की ओर से बंधकों की अदला-बदली के दौरान भारतीय जेल से रिहा किया गया था.
भारत में विशेष न्यायाधीश (पोटा) की ओर से आतंकी मसूद अजहर को भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया है. इसके अलावा मौलाना मसूद अजहर को 1 मई, 2019 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव 1267 के तहत संयुक्त राष्ट्र की ओर से वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया गया. मौलाना मसूद अजहर के संरक्षण में जैश-ए-मोहम्मद भारत में विभिन्न आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है.
किन-किन हमलों में शामिल रहा है आतंकवादी मसूद अजहर
1 अक्टूबर, 2001 को श्रीनगर में जम्मू और कश्मीर राज्य विधानसभा परिसर पर आतंकवादी हमला, जिसमें 38 लोग मारे गए थे.
13 दिसंबर, 2001 को भारत की संसद पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें छह सुरक्षा बल के जवान, दो संसद सुरक्षा सेवा के जवान और एक नागरिक मारे गए.
2 जनवरी, 2016 को पंजाब के पठानकोट में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पाकिस्तान से आए आतंकवादियों की ओर से किया गया आतंकी हमला, जिसमें 7 सुरक्षा बल के जवान मारे गए और 37 घायल हुए थे.
अक्टूबर, 2017 में श्रीनगर के हुमहामा में BSF कैंप पर आतंकी हमला.
दिसंबर, 2017 में पुलवामा के लेथपोरा में सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमला.
फरवरी, 2018 में जम्मू के सुंजवान में आर्मी कैंप पर आतंकी हमले में शामिल था आतंकी.
14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में आतंकी हमला, जिसमें 40 सुरक्षा बल के जवान मारे गए थे.
कैसे बना आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद
जैश-ए-मोहम्मद (JeM) पाकिस्तान की ओर से गठित, नियंत्रित और संचालित होने वाली आतंकवादी संगठन है, जिसे आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर ने बनाया था. दरअसल, मौलाना मसूद अजहर जैश-ए-मौहम्मद बनाने के पहले 1994 में हरकत-उल-अंसार (HuA) का महासचिव था, जिसे भारतीय सुरक्षा बलों ने 11 फरवरी, 1994 को गिरफ्तार किया था. लेकिन 31 दिसंबर, 1999 को भारतीय एयरलाइन्स की फ्लाइट IC 814 के अपहरण के बाद आतंकवादियों की ओर से बंधकों की अदला-बदली के दौरान मसूद अजहर को भारतीय जेल से रिहा कर दिया गया.
जब उसे रिहा किया गया, तो हरकत-उल-अंसार (HuA) को विदेशी आतंकवादी संगठनों की अमेरिकी सूची में शामिल कर दिया गया, इसलिए आतंकी संगठन HuA को मजबूर होकर अपना नाम बदलकर हरकत-उल-मुजाहिदीन (HuM) रखना पड़ा. इसके बाद मसूद अजहर ने अपने पुराने संगठन में शामिल होने के बजाय नया संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) बनाने का फैसला किया और अपने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की 31 जनवरी, 2000 को पाकिस्तान के कराची में शुरुआत की.
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI, अफगानिस्तान में तत्कालीन तालिबान शासन, ओसामा बिन लादेन और पाकिस्तान के कई सुन्नी सांप्रदायिक संगठनों ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की स्थापना में आतंकी मौलाना मसूद अजहर की मदद की थी.
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