Indus Water Treaty: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा वैश्विक मंच पर भारत पर सिंधु जल संधि को निलंबित करने का आरोप लगाने के एक दिन बाद नई दिल्ली ने शनिवार को इस पर जवाब दिया. भारत ने कहा कि पाकिस्तान को सिंधु जल संधि के उल्लंघन का दोष हम पर मढ़ना बंद करना चाहिए क्योंकि सीमा पार आतंकवाद की वजह से संधि को जारी रखने में बाधाएं आ रही हैं.
ताजिकिस्तान में ग्लेशियर संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के संधि निलंबन के फैसले को पानी का हथियार बनाने के साथ-साथ इसे एकतरफा एवं अवैध करार दिया था. शहबाज ने कहा कि संकीर्ण राजनीतिक हितों के लिए लाखों लोगों की ज़िन्दगी को बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने दिया जवाब
केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद के माध्यम से संधि का उल्लंघन कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान द्वारा मंच का दुरुपयोग कर ऐसे मुद्दों को उठाना गलत है जो मंच के दायरे में नहीं आते. हम इस प्रयास की कड़ी निंदा करते हैं.’
सिंधु जल संधि और सीमा पार आतंकवाद
भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था. भारत का कहना है कि सिंधु का पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते हैं. इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों को धर्म पूछ-पूछकर मारा गया था.
कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि संधि पर हस्ताक्षर के बाद तकनीकी, जनसांख्यिकीय और जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ सीमा पार आतंकवाद के खतरे ने परिस्थितियों को बदल दिया है. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों ने संधि के लाभ उठाने की भारत की क्षमता पर बाधा डाली है. पाकिस्तान को दोष भारत पर डालना बंद करना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि सद्भावना और मैत्री की भावना से बनी थी और इसका सम्मान आवश्यक है. उन्होंने स्पष्ट किया कि संधि का उल्लंघन करने वाला पक्ष खुद पाकिस्तान है, जो विवादों को बढ़ा रहा है.
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