ज्योति मल्होत्रा पर खुलासे के बीच चर्चा में ‘सेजल कपूर’, हनीट्रैप में फंसा लिए थे 98 अधिकारी; ज

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Pakistani Spy: हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने प्यार और झूठ के जाल में फंसाने की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) की प्लानिंग को एक बार फिर उजागर किया है. ट्रैवल व्लॉगर ज्योति आईएसआई के हनीट्रैप में फंसने वाली पहली भारतीय नहीं हैं. उनसे पहले भी कई पुरुष और महिलाएं आईएसआई की जासूसी के जाल में फंस चुकी हैं. 
ज्योति मल्होत्रा पर खुलासे के बीच चर्चा में सेजल कपूर
ऐसा ही एक नाम है सेजल कपूर का जो भारतीय रक्षा अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाई थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार ये पाकिस्तान के यह जासूस फेसबुक पर सेजल कपूर, नेहा शर्मा, पूजा रंजन, अनामिका शर्मा और अदिति अग्रवाल जैसे भारतीय नामों से फर्जी आईडी बनाते थे और भारतीय अधिकारियों को झांसा देते थे.
हनीट्रैप में फंसा लिए थे 98 अधिकारी
इसके बाद 2015 से 2018 के बीच राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश में भारतीय सेना, वायु सेना, नौसेना, अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस कर्मियों सहित विभिन्न विभागों के 98 से अधिक अधिकारियों के कंप्यूटर सिस्टम को हैक कर लिया.
सेजल कपूर के फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार वह यूके में हेज एविएशन में काम करती थी. वह पश्चिम एशियाई देश में होस्ट किए गए थर्ड-पार्टी सर्वर से जारी किए गए सॉफ्टवेयर मैलवेयर की मदद से अपने वीडियो और तस्वीरें दिखाकर लोगों को निशाना बनाती थी. वह 2018 में ब्रह्मोस मिसाइल के डेटा लीक करने के मामले में भी शामिल थी.
कैसे हुआ सेजल कपूर का पर्दाफाश?
उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) और सैन्य खुफिया विभाग (एमआई) को उसके बारे में तब पता चला जब ब्रह्मोस के मिसाइल प्रोजेक्ट्स इंजीनियर निशांत अग्रवाल की गिरफ्तारी हुई. निशांत अग्रवाल को उसने हनीट्रैप में फंसाया था. यूपी पुलिस और एमआई ने इस महिला जासूस की 60 से ज्यादा चैट का पता लगाया. सेजल की ओर से इस्तेमाल किया गया जासूसी एप्लिकेशन स्टील्थ मोड पर काम करता था. इसमें सेल्फ-अवेयर डिटेक्शन तकनीक थी, जिससे कंप्यूटर में इंस्टॉल किए गए एंटी-मैलवेयर प्रोग्राम उसकी पहतचान नहीं कर पाता.
नागपुर में ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड की मिसाइल प्रोजेक्ट से जुड़े एक इंजीनियर को 2018 में यूपी एटीएस, उसके महाराष्ट्र समकक्ष और सेना के खुफिया विभाग के संयुक्त अभियान के तहत गिरफ्तार किया था. उस इंजीनियर ने पाकिस्तान की आईएसआई (ISI) को इस प्रोजक्ट के बारे में जानकारी दी थी.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट में करते थे निशांत
यूपी एटीएस ने जिस निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया था वह ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट में वरिष्ठ इंजीनियर थे. वह ब्रह्मोस के प्रोडक्श डिपार्टमेंट के हाइड्रोलिक्स-न्यूमेटिक्स और वारहेड इंटीग्रेशन विंग के प्रमुख थे. रिपोर्ट के मुताबिक वह नागपुर और पिलानी में ब्रह्मोस की साइटों पर नई परियोजनाओं की देखरेख भी कर रहे थे. यूपी एटीएस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने 2017-18 के लिए सरकार का युवा वैज्ञानिक पुरस्कार जीता था.
यूपी एटीएस के जांच अधिकारी पंकज अवस्थी ने अग्रवाल के मुकदमे के दौरान अपने बयान में कहा कि सेजल ने निशांत अग्रवाल को अपना परिचय हेस एविएशन की सीनियर अधिकारी (जो कंपनी में भर्ती करता है) के रूप में दिया था. यूपी एटीएस के अनुसार सेजल ने दूसरे एक अन्य भारतीय वायुसेना के पूर्व कर्मचारी से कहा कि वह मैनचेस्टर की स्टूडेंट है.
पाकिस्तान से एक्टिव था फेसबुक अकाउंट
पुलिस ने बताया कि निशांत अग्रवाल फेसबुक पर दो अन्य शख्स नेहा शर्मा और पूजा रंजन के फ्रेंड थे, जिनका अकाउंट भी पाकिस्तान से एक्टिव था. अग्रवाल ने लिंक्ड-इन पर सेजल से भी बातचीत की थी, जहां सेजल ने उन्हें काम देने का वादा किया था. यूपी एटीएस ने कोर्ट को बताया कि सेजल के निर्देश पर निशांत अग्रवाल ने तीन लिंक पर क्लिक किया और अपने प्राइवेट लैपटॉप पर तीन ऐप क्यूव्हिस्पर, चैट टू हायर और एक्स-ट्रस्ट इंस्टॉल किए.

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