Hardeep Singh Puri on Pahalgam Attack: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए शनिवार (26 अप्रैल) को कहा कि पड़ोसी देश को घुटनों पर लाया जाएगा ताकि वह ऐसी घृणित हरकत करने की फिर कभी न सोच सके. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पतन की ओर अग्रसर एक ऐसा देश है जो आतंकवाद का सरकार की नीति के साधन के रूप में समय-समय पर इस्तेमाल करता रहता है.
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने मोहाली में एक कार्यक्रम में कहा, ‘मुझे लगता है कि इस बार उन्होंने गलत अनुमान लगाया है. उन्होंने गलत नंबर डायल कर दिया क्योंकि हमारा नेतृत्व प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने बिहार में बयान दिया था, ‘बहुत हो गया और अब उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे.’
पाकिस्तान को घुटनों पर लाया जाएगा: हरदीप पुरी
पुरी ने सिंधु जल संधि के निलंबन पर कहा कि भारत ने पहली बार ऐसा कदम उठाया है जिससे पाकिस्तान को उचित कीमत चुकानी पड़ी है. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मुझे उन विकल्पों पर अटकलें लगानी चाहिए जिनका उपयोग किया जाएगा, लेकिन मुझे लगता है कि देश (पाकिस्तान) पतन की स्थिति में पहुंच चुका है. पश्चिमी पड़ोसी को घुटनों पर लाया जाएगा ताकि वह फिर कभी इस तरह का घृणित कृत्य करने के बारे में न सोचें.’
केंद्रीय मंत्री प्राइवेट यूनिवर्सिटी में ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. उन्होंने कहा, ‘हम 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं. यदि आप अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पर विश्वास करते हैं तो हम कुछ ही महीनों की अवधि में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे और 2027 या 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे.’
हम 5वीं अर्थव्यवस्था बने, लेकिन पाकिस्तान… हरदीप पुरी
पुरी ने 1947 में हुए विभाजन का जिक्र करते हुए कहा, ‘जब हम एक स्वतंत्र राष्ट्र बने तो ये (भारत और पाकिस्तान) एक ही मां की कोख से जन्मे दो देश थे. एक ओर हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं जबकि दूसरी ओर, दूसरा देश सीमा पार आतंकवाद एवं आतंक को सरकार की नीति के साधन के रूप में इस्तेमाल करने में विश्वास करता है.’
पहलगाम आतंकी हमले मेंं 26 लोगों की हुई थी मौत
भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद और भी बिगड़ गए हैं. पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. भारत सरकार ने पहलगाम हमले के तार सीमा पार से जुड़े होने की वजह से पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार (अताशे) को निष्कासित करने, 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी-वाघा सीमा-चौकी को तत्काल बंद करने समेत कई कदमों की घोषणा की थी.
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