Jammu Kashmir Terror Attack: आदिवासी कल्याण के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन हाईरेंज रूरल डेवलपमेंट सोसायटी (एचआरडीएस) इंडिया ने (1 मई, 2025) को उद्योगपति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दिल्ली के लोदी कॉलोनी थाने में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है. एचआरडीएस इंडिया के सचिव अजी कृष्णन ने शिकायत में आरोप लगाया है कि वाड्रा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले को कथित तौर पर जायज ठहराने वाला बयान दिया है, जो राष्ट्रविरोधी मानसिकता को दर्शाता है.
अजी कृष्णन ने कहा कि यह निर्मम आतंकवादी हमला पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाला था. वैश्विक स्तर पर भी इसकी कड़ी निंदा की गई है. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि रॉबर्ट वाड्रा ने यह संकेत दिया कि यह हमला मुस्लिम समुदाय में कथित असुरक्षा की भावना के चलते हुआ है. शिकायत के अनुसार वाड्रा ने कहा कि यह हमला प्रधानमंत्री के लिए एक संदेश था, जिससे यह प्रतीत होता है कि उन्होंने आतंकवाद को देश की आंतरिक परिस्थितियों की प्रतिक्रिया के रूप में दर्शाया.
‘वाड्रा का बयान आम नागरिकों की हत्या को जायज ठहरा रहा’एचआरडीएस इंडिया ने इस कथन को अत्यंत भड़काऊ और खतरनाक बताया है. शिकायत में यह भी कहा गया है कि वाड्रा का बयान आम नागरिकों की हत्या को जायज ठहरा रहा है और आतंकवाद को देश की नीतियों पर प्रतिक्रिया के रूप में दर्शाता है. उन्होंने (वाड्रा ने) कहा था, ‘यह सरकार सिर्फ हिंदुत्व की बात करती है. यह मस्जिदों का सर्वे कराती है और धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करती है. हमलावरों ने लोगों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया. इसकी वजह है कि इस देश में हिंदू और मुस्लिमों के बीच फासला बढ़ा है. धर्म के आधार पर लोगों की हत्या करना प्रधानमंत्री को दिया गया संदेश है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मुसलमान इस देश में असुरक्षित महसूस करते हैं.’
एचआरडीएस इंडिया का मानना है कि इस प्रकार की टिप्पणियां न सिर्फ आतंकवाद को परोक्ष समर्थन देती हैं, बल्कि समाज में भय और सांप्रदायिक तनाव को भी जन्म देती हैं. वाड्रा ने कथित रूप से यह भी कहा कि भारत अब धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र नहीं रहा और यहां धार्मिक राजनीति हावी हो गई है. उन्होंने मस्जिदों में नमाज पर रोक, लाउडस्पीकर पर पाबंदी और दिल्ली की जामा मस्जिद के आस-पास जुटने पर कार्रवाई का जिक्र किया.
‘रॉबर्ट वाड्रा पर कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग’ एचआरडीएस इंडिया ने इस कथानक की कड़ी निंदा करते हुए इसे शांति-व्यवस्था को अस्थिर करने वाला, हिंसा को बढ़ावा देने वाला और समाज को बांटने वाला प्रयास बताया है. संस्था का कहना है कि जब देश एक भयानक हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग कर रहा है, ऐसे में इस तरह के बयान देश के दुश्मनों को बल देने वाले हैं.
संस्था ने भारतीय न्याय संहिता 2023 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत रॉबर्ट वाड्रा पर कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है, ताकि आतंकवाद को जायज ठहराने और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने जैसे गंभीर कृत्यों पर अंकुश लगाया जा सके.
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