Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कमर तोड़कर रख दी है. भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने जिन 14 लोकल आतंकियों की हिटलिस्ट तैयार की थी, उनमें से 6 अब तक मारे जा चुके हैं. इन आतंकियों की पहचान और लोकेशन सटीक खुफिया जानकारी और तकनीकी निगरानी के आधार पर की गई थी. इनका काम था पाकिस्तानी आतंकवादियों को लोकल लॉजिस्टिक सपोर्ट, ठिकाना और मदद देना. इस वजह से उन्हें मारना काफी जरूरी था.
अब तक मारे गए 6 आतंकियों में पुलवामा एनकाउंटर में मारे गए आमिर नजीर वानी, यावर अहसान बट्ट और आसिफ अहमद शेख शामिल है. इसके अलावा शोपियां एनकाउंटर में ढेर हुए लोगों में शाहिद कुट्टे (लश्कर का टॉप कमांडर),अदनान शाफी और अहसान उल हक शेख शामिल है. इनके मारे जाने से पुलवामा और शोपियां जैसे संवेदनशील जिलों में आतंकी गतिविधियां लगभग ठप हो चुकी हैं.
बाकी बचे 8 आतंकी कौन हैं?सुरक्षाबलों की निगाहें अब इन 8 शीर्ष आतंकियों पर टिकी हैं, जिनकी तलाश युद्ध स्तर पर जारी है. इनकी जानकारी इस प्रकार है.
1. आदिल रहमान देंतूसंगठन: लश्कर-ए-तैयबा
लोकेशन: सोपोर
2021 से एक्टिव
डिस्ट्रिक्ट कमांडर, उच्च प्राथमिकता पर
2. हरीश नजीरसंगठन: लश्कर
लोकेशन: पुलवामा
एक्टिव लोकल आतंकी
3. आसिफ अहमद कंडेसंगठन: हिजबुल
लोकेशन: शोपियां
2015 से एक्टिव, पाक ट्रेनिंग प्राप्त
4. नसीर अहमद वानीसंगठन: लश्कर
लोकेशन: शोपियां
पाक आतंकी नेटवर्क से सीधा जुड़ा
5. आमिर अहमद डारसंगठन: लश्कर/TRF
लोकेशन: शोपियां
2023 से एक्टिव, विदेशी आतंकियों का मददगार
6. जुबैर अहमद वानीसंगठन: हिजबुल
लोकेशन: अनंतनाग
ऑपरेशनल कमांडर, A+ श्रेणी का आतंकी
7. हारून रशीद गनीसंगठन: हिजबुल
लोकेशन: अनंतनाग
पाक में ट्रेनिंग प्राप्त, हाई रिस्क टारगेट
8. जुबेर अहमद गनीसंगठन: लश्कर
लोकेशन: कुलगाम
टारगेटेड किलिंग और IED हमलों में शामिल
सेना और खुफिया एजेंसियों की रणनीतिभारतीय सेना और एजेंसियां अब इन बचे हुए आतंकियों पर जमीनी स्तर पर निगरानी बढ़ा चुकी हैं. इन्हें खोजने के लिए टेक्निकल इंटेलिजेंस (TIC) और ड्रोन सर्विलांस का इस्तेमाल किया जा रहा है. स्थानीय सहयोगियों और ओवरग्राउंड वर्कर (OGWs) को चिन्हित किया जा चुका है, सबसे खास बात हर आतंकी के लिए एक अलग ऑपरेशन प्लान तैयार किया गया है.
क्यों लोकल आतंकी है ज्यादा खतरनाक?इन लोकल आतंकियों की वजह से विदेशी आतंकियों को लोकेशन और रसद मिलती है. टारगेट चुनने और हमला करने में सहायता मिलती है. ये स्थानीय युवाओं को बरगलाने का काम करते हैं. पुलिस और सेना की मूवमेंट की जानकारी लीक करते हैं,इसलिए इनका सफाया आतंकवाद की जड़ें उखाड़ने में जरूरी है.
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