Operation Sindoor Weapon: पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने कई तरह के खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल किया था. इसमें कई सारे ऐसे हथियार थे, जिन्होंने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. इसमें राफेल फाइटर जेट, Su-30 MKI, ब्रह्मोस और हैमर मिसाइल समेत कई जेट शामिल थे.
राफेल फाइटर जेट की बात करें तो ये ऑपरेशन में काफी महत्वपूर्ण माना गया. राफेल एक ट्विन-जेट लड़ाकू विमान है जो विमानवाहक पोत और तटीय बेस दोनों से संचालित किया जा सकता है. ये पूरी तरह से बहुमुखी राफेल सभी लड़ाकू विमान मिशनों को पूरा करने में सक्षम है. राफेल ने 2004 में फ्रांसीसी नौसेना और 2006 में फ्रांसीसी वायु सेना के साथ सेवा में प्रवेश किया. राफेल दुनिया के सबसे अनुभवी लड़ाकू विमानों में से एक है. यह 2007 से ही युद्ध में उपयोग किया जा रहा है.
राफेल के 3 वेरिएंट
राफेल के 3 वेरिएंट है. राफेल C सिंगल-सीटर जिसे जमीन से उड़ाया जाता है. राफेल M सिंगल-सीटर जिसे विमानवाहक पोत के लिए इस्तेमाल किया जाता है. राफेल B टू-सीटर जिसे ज़मीन से उड़ाया जाता है.
इसकी खासियत की बात करें तो इसका विंगस्पैन 10.90 मीटर लंबा है. इसकी लंबाई 15.30 मीटर, ऊंचाई 5.30 मी, बिना किसी चीज के राफेल का वजन 10 टन है. ये अधिकतम 24.5 टन का वजन लेकर उड़ान भर सकता है. इसमें 4.7 टन ईंधन इंटरनल और 6.7 टन ईंधन आउटर भरा जा सकता है. इसकी अधिकतम स्पीड 1.8 मैक है. ये 50,000 फीट तक उड़ान भर सकता है. ये इलेक्ट्रॉनिक स्कैनिंग रडार का इस्तेमाल करता है. राफेल में कई तरह के मिसाइल लगते हैं. इसमें METEOR जो बहुत लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. MICA हवा से हवा में मार करने वाली “बियॉन्ड विजुअल रेंज” (BVR) मिसाइल. HAMMER रॉकेट-बूस्टेड हवा से जमीन पर मार करने वाला हथियार. SCALP लंबी दूरी की स्टैंड-ऑफ मिसाइल. AM39 EXOCET एंटी-शिप मिसाइल, लेजर – गाइडेड बम इस्तेमाल होते हैं.
Su-30 MKI फाइटर जेट का इस्तेमालSu-30 MKI फाइटर जेट का इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था. ये भारत के लड़ाकू विमानों के बेड़े की रीढ़ है. इसे रूस ने डिजाइन किया है. इसका निर्माण HAL ने किया है. यह दो सीटों वाला, ट्विन जेट मल्टीपल एयर सुपीरियरिटी फाइटर जेट है. भारत के लिए कुल 272 विमान बनाए गए और लगभग 260 वर्तमान में परिचालन में हैं. विमान की लंबाई 21.9 मीटर, विंगस्पैन (पंखों का फैलाव) 14.7 मीटर और ऊंचाई 6.4 मीटर है. Su-30MKI का अधिकतम टेक-ऑफ वजन 38,800 किलोग्राम है, जो इसे बड़े प्रकार के हथियार ले जाने की अनुमति देता है. जेट मल्टीफंक्शन डिस्प्ले (MFD) से लैस हैं. विमान में फ्लाई-बाय-वायर (FBW) फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम है.
Su-30 MKI की खासियत
Su-30 MKI फाइटर जेट पैसिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार, लेजर-ऑप्टिकल लोकेटर सिस्टम और लाइटिंग टारगेट डेसिग्नेशन पॉड से भी लैस है, जो हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और लेजर गाइडेड म्यूनिशन को गाइड करता है. विमान हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों की एक श्रृंखला लॉन्च कर सकता है, जिसमें Kh-29L/T/TYe, ख-31 ए/पी, ख-59 एम और निर्भय. Su-30 MKI बेड़े में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का हवाई संस्करण लगाया गया है. विमान आर-27 आर, आर-73 और आर-77 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ-साथ रॉकेट पॉड्स, केएबी-500 और केएबी-1500 लेजर-गाइडेड बम भी ले जा सकता है. विमान थ्रस्ट वेक्टर नियंत्रण से लैस है और मैक 1.9 की अधिकतम गति पर उड़ सकता है. विमान की अधिकतम उड़ान सीमा 3,000 किमी है. Su-30 MKI इन-फ्लाइट ईंधन भरने की प्रणाली दो बार ईंधन भरने के साथ अधिकतम 8,000 किमी की सीमा प्रदान करती है.
स्टॉर्म शैडो या स्कैल्प मिसाइल की खासियत
स्टॉर्म शैडो/स्कैल्प मिसाइल का इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने में किया गया था. इसका वजन 1,300 किलोग्राम है. लंबाई 5.1 मीटर,रेंज 250 किलोमीटर है. ये डीप स्ट्राइक मिसाइल है. इसका इस्तेमाल राफेल और मिराज 2000 पर किया जाता है. MBDA (बहुराष्ट्रीय यूरोपीय समूह) ने स्कैल्प मिसाइल का निर्माण किया है. ये हवा से लॉन्च की जाने वाली लंबी दूरी का डीप स्ट्राइक हथियार है. स्थिर लक्ष्यों जैसे कि बंकरों और प्रमुख बुनियादी ढांचे के खिलाफ पूर्व-नियोजित हमलों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ये
एडवांस नेविगेशन सिस्टम से लैस
सभी मौसमों में दिन और रात संचालित होने में सक्षम है. इसकी एडवांस नेविगेशन सिस्टम के कारण इसकी असाधारण सटीकता है. लॉन्च के बाद, रडार से बचने के लिए निचले इलाके में उतरता है और वह उड़ता है. लक्ष्य के पास पहुंचने पर, इसका ऑनबोर्ड इन्फ्रारेड सीकर सटीक हमला करता है. लक्ष्य के निकट पहुंचने पर, इसका ऑनबोर्ड इन्फ्रारेड सीकर उपलब्ध कराए गए डेटा के साथ लक्ष्य की छवि का मिलान करता है ताकि सटीक प्रहार सुनिश्चित किया जा सके और अन्य क्षतियों से बचा जा सके. इसका उपयोग रॉयल एयर फ़ोर्स, फ़्रेंच एयर फ़ोर्स, इटालियन एयर फ़ोर्स और कई अन्य देशों द्वारा भी किया जाता है. इसे इराक, लीबिया और सीरिया में ऑपरेशनों में भी देखा गया है
ब्रह्मोस मिसाइल की खास बातब्रह्मोस मिसाइल सटीक आक्रमण क्षमता वाली हवा से लॉन्च करने वाला सुपरसोनिक क्रूज़ एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल है.भारत का स्वदेशी विकसित हथियार (रूस के साथ विकसित) किया गया है. यह Su-30 MKI का सबसे भारी और सबसे शक्तिशाली हथियार है.पहली बार इसका परीक्षण नवंबर 2017 में किया गया था. जनवरी 2020 में इसे सुखोई स्क्वाड्रन में शामिल किया गया. 400 किलोमीटर से अधिक की उड़ान रेंज (फायर होने के बाद) – Su 30 फायरिंग से पहले इसे हजारों किलोमीटर तक ले जा सकता है. इसका वजन लगभग 2,500 किलोग्राम है (लैंड वैरिएंट की तुलना में हल्का है). यह लगभग 3 मैक (3,700 किमी प्रति घंटा) की अधिकतम गति से उड़ सकता है. तेज गति के कारण ट्रैक करना मुश्किल है.यह केवल 10 मीटर की कम ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है (रडार से बचता है).यह फायर एंड फॉरगेट प्रिंसिपल पर काम करता है – फायर होने के बाद अपने आप काम कर सकता है.यह 200 से 300 किलोग्राम के पारंपरिक हथियार ले जाता है.उच्च गति के कारण विनाश की क्षमता और भी बढ़ जाती है
हैमर मिसाइल की ताकतहैमर मिसाइल का इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था. इसका पूरा नाम हाइली एजाइल मॉडुलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज है. ये हवा से जमीन पर मार करने वाला हथियार है. इसे फ्रांस के सफ्रान समूह ने विकसित किया है.यह सभी मौसम में काम करने में सक्षम है. यह स्वायत्त रूप से काम कर सकता है और इसमें जैमिंग सुरक्षा क्षमता है.इस हथियार प्रणाली को कम ऊंचाई से लॉन्च किया जा सकता है.युद्ध में इसकी सफलता दर 99 प्रतिशत है. ये एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला करने की क्षमता रखता है.इसकी रेंज 70 किमी से अधिक है.यह एक मॉड्यूलर हथियार है जो विभिन्न कॉन्फ़िगरेशन क्षमता प्रदान करता है. विभिन्न नेविगेशन किटों की बदौलत और इंटर ऑपरेबल है.AASM हैमर का इस्तेमाल अलग-अलग मानक बम बॉडी (125, 250, 500 और 1000 किलोग्राम) के साथ किया जा सकता है.वायु सेना की सभी सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करता है – GPS गाइडेड, इन्फ्रारेड गाइडेड या लेजर गाइडेड
मेटियोर मिसाइल की पावरमेटियोर मिसाइल बियॉन्ड विज़ुअल रेंज, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इसका वजन – 190 किलोग्राम,लंबाई – 3.7 मीटर है. ये राफेल, यूरोफाइटर टाइफून, एफ-35 लाइटनिंग II, ग्रिपेन एयरक्राफ्ट पर इस्तेमाल किया जा सकता है. छह यूरोपीय देशों: यूके, जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन और स्वीडन की जरूरतों को पूरा करने के लिए एमबीडीए के नेतृत्व में यूरोपीय भागीदारों के एक समूह की ओर से विकसित किया गया है. इसकी 120 किमी तक की ऑपरेशनल रेंज है. वर्तमान में हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में सबसे बड़ा नो-एस्केप ज़ोन (NEZ) है. इसका मतलब यह है कि किसी भी लक्ष्य को ट्रैक करने के बाद बचने का बहुत कम मौका छोड़ती है. मिसाइल मैक 4 (लगभग 4900 किमी प्रति घंटा) तक की गति से ग्लाइड करती है.मेट्योर की दो-तरफा डेटा लिंक क्षमता लड़ाकू एयरक्राफ्ट को मिसाइल को लॉन्च होने के बाद भी लक्ष्य बनाने और लक्ष्य बदलने की क्षमता देती है.मेट्योर विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों को पर मौसम में हमला कर सकता है. ये युद्ध में इस्तेमाल किया जाने वाला वारहेड हाई एक्सप्लोसिव ब्लास्ट फ्रेगमेंटेशन है.
HAROP (हारोप) ड्रोन की खासियतHAROP (हारोप) ड्रोन लंबी दूरी तक हमला करने वाला ड्रोन है. लोइटरिंग म्यूनिशन से लैस है, जिसे कामिकेज़ ड्रोन या सुसाइड ड्रोन के नाम से भी जाना जाता है. ये हथियार तब तक लक्ष्य क्षेत्र के आसपास मंडराने या घूमने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जब तक कि लक्ष्य कन्फर्म ना हो जाये, हमले का आदेश ना मिले या “सभी लक्ष्यों” को नष्ट करने के लिए सही समय का इंतजार करता है. लक्ष्य मिलने पर वे उससे टकरा जाता है. इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने इसका निर्माण किया है. इसे ट्रकों या नौसैनिक जहाजों पर लगे कनस्तरों से प्रक्षेपित किया जाता है. ये विभिन्न भूभागों और वातावरणों में आसानी से तैनात किया जा सकता है.यह हमले से पहले 9 घंटे तक हवा में रह सकता है.
हारोप ड्रोन में 23 किलोग्राम विस्फोटकलक्ष्य की तलाश करने, उन्हें ढूंढने और पहचानने, हमले के मार्ग की योजना बनाने, फिर उथले या तीव्र गोता लगाकर किसी भी दिशा से हमला करने की क्षमता है.इसमें जैमिंग के प्रति प्रतिरोधक क्षमता के साथ संचार में आने वाली चुनौतियों पर काबू पाने की क्षमता है.एक गाइडेड हथियार प्रणाली के रूप में इसकी निगरानी मिशन नियंत्रण केंद्र से मानव ऑपरेटर द्वारा की जाती है और आवश्यकता पड़ने पर इसे निरस्त भी किया जा सकता है. इसमें करीब 23 किलोग्राम विस्फोटक होता है. 400 किमी से अधिक की गति से उड़ता है. इसकी कम्युनिकेशन रेंज 200 किमी है.इसे दिन और रात दोनों समय काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह सभी मौसम में काम कर सकता है.
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