‘संसद में सत्ता वाले और विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहे’ आज दिल्ली कूच करेगा 101 किसानों का जत्था

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<p style="text-align: justify;"><strong>Farmer Protest: </strong>पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार (7 दिसंबर) को कहा कि किसानों को उनके मुद्दों पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है, लिहाजा 101 किसानों का एक समूह आठ दिसंबर को दिल्ली की ओर मार्च शुरू करेगा. शुक्रवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण कुछ किसानों के घायल होने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया था.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं. हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए उन्हें प्रदर्शन स्थल से कुछ दूरी पर रोका जाए और जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में भी आसानी हो.&nbsp;</p>
<p><strong>सरवन सिंह पंढेर ने दिया बड़ा बयान</strong></p>
<p>शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, " किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) का विरोध प्रदर्शन 300वें दिन में प्रवेश कर गया है. लेकिन केंद्र सरकार अभी भी अड़ी हुई है. हमने एक और बड़ी घोषणा की कि हम पंजाब में भाजपा नेताओं के प्रवेश का विरोध करेंगे. हमें यकीन नहीं है लेकिन हमने सुना है कि सैनी (हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी) और गडकरी (केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी) जी अमृतसर जा रहे हैं. हम पंजाब के किसानों से राज्य में उनके प्रवेश का विरोध करने का आह्वान करते हैं."</p>
<p>उन्होंने आगे कहा, "संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों राजनीती कर रहे हैं. जिन राज्यों में इंडिया गठबंधन की सरकार हैं, वहां भी किसानों की हालत ठीक नहीं है. आम आदमी पार्टी पंजाब में क्या कर रही है. उन्होंने बताया कि उनकी राहुल गांधी से कोई बात नहीं हुई है. पंजाब के अधिकारियों से बात हो रही है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’बातचीत के मूड में नहीं है सरकार'</strong></p>
<p style="text-align: justify;">शनिवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू में मीडिया को संबोधित करते हुए सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसूगैस के गोले दागे जाने के कारण 16 किसान घायल हो गए. इनमें से एक की सुनने की क्षमता चली गई. उन्होंने कहा कि चार घायल किसानों को छोड़कर बाकी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. उन्होंने कहा, "हमें बातचीत के लिए केंद्र से कोई संदेश नहीं मिला है. (नरेन्द्र) मोदी सरकार बातचीत के मूड में नहीं है."&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोका गया जत्था</strong></p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने पहले ही फैसला कर लिया है कि 101 किसानों का एक जत्था रविवार दोपहर को शांतिपूर्ण तरीके से फिर से राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करेगा. हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाई गई बहुस्तरीय बैरिकेडिंग के कारण जत्थे को रोक दिया गया. निषेधाज्ञा को अनदेखा कर किसानों ने अवरोधकों को पार करने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया और आंसू गैस के कई गोले दागे, ताकि वे पंजाब में पड़ने वाले शंभू में अपने विरोध स्थल पर वापस चले जाएं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’भाजपा सरकार का पर्दाफाश हुआ'</strong></p>
<p style="text-align: justify;">प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई पर पंधेर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार का पर्दाफाश हो गया है. पंधेर ने कहा, "उन्होंने कल क्या किया? लोग इस कार्रवाई से नाराज हैं. लोग भाजपा से पूछ रहे हैं कि चूंकि किसान अपने साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जा रहे थे, तो उन्हें आगे क्यों नहीं बढ़ने दिया गया." खनौरी बॉर्डर पर एक और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है. किसानों का दावा है कि डल्लेवाल का आठ किलो वजन कम हो गया है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को लिखा पत्र</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस बीच, हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस प्रमुख को भेजे पत्र में कहा, "आपके संज्ञान में लाया जाता है कि छह दिसंबर को जब किसानों का जत्था हरियाणा की सीमा की ओर बढ़ा तो कई मीडियाकर्मी भी उनके साथ थे, जबकि अनुरोध किया गया था कि मीडियाकर्मियों को प्रदर्शन स्थल के पास नहीं आने दिया जाए."</p>
<p style="text-align: justify;">पत्र में कहा गया है, "इसके कारण हरियाणा पुलिस को सीमा पर कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसलिए आपसे पुनः अनुरोध है कि आप सभी संबंधित पक्षों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दें कि मीडियाकर्मियों की सुरक्षा तथा उनकी आवश्यकताओं के हित में उन्हें सुरक्षित दूरी (न्यूनतम एक किलोमीटर) पर रोका जाए."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>(इनपुट भाषा के साथ)</strong></p>

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