इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) मुखिया मौलाना तौकीर रजा ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 24 नवंबर को मुस्लिमों से इकट्ठा होने का आह्वान किया था, जिसको पुलिस ने अनुमति नहीं दी है. इस आयोजन का ऐलान रसूल की शान में गुस्ताखी के खिलाफ किया गया था. तौकीर रजा ने कहा कि भले ही पुलिस ने अनुमति नहीं दी हो, लेकिन हम रामलीला मैदान जाने की पूरी कोशिश करेंगे. इस सबके बीच तौकीर रजा ने एक बार फिर से भड़काने वाला बयान भी दे दिया. तौकीर ने कहा, “अंदर अंदर जो लावा भर रख रहा है उसको किसी सूरत से निकालने की कोशिश है वरना किसी दिन यह ज्वालामुखी फटेगा.”
तौकीर राजा ने कहा कि पहले हमको इस कार्यक्रम के लिए अनुमति दे दी गई थी, लेकिन ऐन वक्त पर इस कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी गई. एक पक्ष को बिना मांगे भी अनुमति मिल जाती है और हम जो अमन पसंद लोग हैं, जो एकता की बात करते हैं. उनकी परमिशन को रद्द कर दिया जाता है. तौकीर रजा ने देश की हुकूमत यानी मोदी सरकार पर देश के मुसलमान के खिलाफ काम करने का आरोप भी लगाया. तौकीर रजा ने कहा कि हिंदुस्तान की हुकूमत मुसलमान के खिलाफ काम कर रही है.
‘लाठी-गोली चलानी है तो चला लो, लेकिन मुझे परवाह नहीं’
तौकीर राजा ने ऐलान किया कि भले ही पुलिस ने हमको अनुमति नहीं दी है, लेकिन हम फिर भी रामलीला मैदान जाएंगे. हमने ऐलान किया था तो हम रामलीला ग्राउंड पहुंचेंगे. भले ही पुलिस ने हमको परमिशन नहीं दी है. इसके साथ ही जो लोग रामलीला मैदान पहुंचने की तैयारी कर रहे थे, उन लोगों को एक संदेश भी दे दिया. रजा ने कहा तमाम लोगों को रामलीला ग्राउंड पहुंचना है, लेकिन कानून अपने हाथ में नहीं लेना है. पुलिस जहां रोके, वहीं रुक जाएं, वहीं बैठ जाए. शाम 5 बजे तक उसी जगह पर बैठे रहे और उसके बाद अपने घर चले जाए. सरकार और प्रशासन को चुनौती देते हुए रजा ने कहा कि अगर लाठी-गोली चलानी है तो चला लो, लेकिन मुझे परवाह नहीं है.
‘एक हैं तो सेफ हैं का पोस्टर, हुकूमत की सोच को ही दर्शाता है’
तौकीर राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिए गए ‘एक हैं तो सेफ हैं’ वाले नारे पर भी सवाल खड़े कर दिए. तौकीर ने कहा, “एक हैं तो सेफ हैं का पोस्टर भी देश की हुकूमत की सोच को ही दर्शाता है, जिसमें सभी धर्म की बात थी, लेकिन मुसलमान की टोपी नहीं थी.” वहीं संभल की मस्जिद पर चल रही कार्रवाई पर तौकीर रजा ने कहा, “देश के संविधान पर यकीन रखने वाले हिंदुओं को सवाल उठाना चाहिए. अगर आवाज नहीं उठाई गई तो हिंदुस्तान में जंगल राज बनने से कोई नहीं रोक सकता.”
पहले और आज के हिंदू में बहुत फर्क
तौकीर रजा ने संभल मस्जिद विवाद को राजनीति से जोड़ दिया. रजा ने कहा कि आपने सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए काम किया क्योंकि अगले दिन चुनाव था. हिंदू समाज को समझना चाहिए कि 2014 से पहले जो हिंदुत्व होता था, उसमें और आज के हिंदुत्व में कितना फर्क आ चुका है.
‘सरकार का काम देश चलाने का है… वह वही करें’
तौकीर ने मौजूदा हुकूमत की तुलना राजा अकबर के कार्यकाल से भी कर दी. तौकीर ने कहा कि “ऐसे तो राजा अकबर ने भी दिन ए एलाही धर्म की शुरुआत की थी, लेकिन उस दौरान उनके खिलाफ भी आवाज उठी और उस कोशिश को नाकाम किया गया.” धर्म का काम धर्म के लोगों के हाथ में रहने दें, मस्जिद का काम हमारे धर्मगुरु देखेंगे और मंदिर का काम हिंदुओं के धर्मगुरु, सरकार का काम देश चलाने का है.. वह वही करें.
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