मणिपुर में ‘फ्री मूवमेंट’ के पहले ही दिन सुरक्षाबलों और कूकी समुदाय की झड़प, एक की मौत, 25 घायल

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Manipur Free Traffic Movement: मणिपुर में फ्री ट्रैफिक मूवमेंट शुरू होते ही शनिवार (8 मार्च 2025) को एक बार फिर कुकी और मैतेई बहुल इलाकों में हिंसा शुरू हो गई. कुकी बहुल जिले में प्रदर्शनकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य भर में फ्री ट्रैफिक के निर्देश का विरोध कर रहे थे. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसके प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और निजी गाड़ियों में आग लगा दी.
कुकी समुदाय के लोगों ने किया विरोध
सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि 25 अन्य घायल हो गए. इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर और सेनापति को जोड़ने वाली सड़कों पर शनिवार को जैसे ही बसें चलनी शुरू हुईं, तभी कुकी समुदाय के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया.
पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही अंतर-जिला बस सेवा फिर से शुरू हुई, गमगीफई इलाके में भीड़ ने सेनापति जिले जाने वाली यात्री बस पर पथराव करके हमला कर दिया. जवाब में सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियों का इस्तेमाल किया. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा बलों ने व्यापक अभियान चलाकर 114 हथियार, आईईडी  ग्रेनेड और गोला-बारूद बरामद किए हैं. वहीं राज्य में अलग-अलग अभियानों में प्रतिबंधित संगठनों के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया गया.
अमित शाह ने किया था फ्री मूवमेंट का ऐलान 
गृह मंत्री अमित शाह ने 1 मार्च को मणिपुर के हालात पर गृह मंत्रालय में समीक्षा बैठक की थी. गृह मंत्री ने 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा था. साथ ही सड़कें ब्लॉक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. अधिकारियों ने कहा कि सुबह करीब 10 बजे चुराचांदपुर और सेनापति के पहाड़ी जिलों के लिए जाने वाली बसें बिना यात्रियों के केंद्रीय बलों के एक बड़े काफिले के साथ इम्फाल से रवाना हुईं.
चुराचांदपुर जाने वाली बस बिना किसी घटना के बिष्णुपुर जिले से होकर सुरक्षित रूप से कांगवई पहुंच गई. एनएच-2 (इंफाल-दीमापुर राजमार्ग) पर प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और राज्य सरकार के वाहनों की आवाजाही को बाधित करने के लिए सड़कों पर जमा हुए. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिसकर्मी ने कहा, “हम केवल आदेशों का पालन कर रहे हैं. हमें मार्च रोकने के लिए कहा गया है. अगर वे (प्रदर्शनकारी) जाना चाहते हैं, तो वे सरकार के व्यवस्थित राज्य बसों में जा सकते हैं.”
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