Congress demands assembly election in Manipur : केंद्र की मोदी सरकार पर मणिपुर के प्रति उदासीनता और संवैधानिक विफलता का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने प्रदेश में नए सिरे से विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है. कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं.
मणिपुर में 3 मई, 2023 को शुरू हुई हिंसक घटनाओं के दो साल पूरे होने पर मणिपुर कांग्रेस प्रभारी सप्तगिरी उलाका और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशम मेघचंद्र ने शनिवार (3 मई) को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की. इस दौरान उन्होंने मांग की कि मणिपुर में चुनावों की घोषणा की जाए, ताकि वहां जनता की सरकार का गठन हो और शांति स्थापित की जा सके.
मणिपुर में 260 लोगों की हो चुकी है मौत- सप्तगिरी
सप्तगिरी उलाका ने कहा, “मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस लगातार राष्ट्रपति शासन की मांग करती रही, लेकिन भाजपा सरकार ने 20 महीने बाद भारी दबाव में इसे लागू किया. हालांकि, राष्ट्रपति शासन के बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं. 260 लोगों की मौत हो चुकी है और 68,000 से अधिक लोग अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं.” उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के एक कथित ऑडियो क्लिप का हवाला दिया और कहा कि इस ऑडियो की आवाज बीरेन सिंह की आवाज से मिलती-जुलती थी. ऐसे में सभी को संदेह है कि यह एक सुनियोजित हिंसा थी.
मोदी ने देश-विदेश का दौरा किया पर मणिपुर नहीं गए- सप्तगिरी उलाका
मणिपुर कांग्रेस प्रभारी ने केंद्र सरकार पर मणिपुर को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “पिछले दो वर्षों में पीएम मोदी ने 44 विदेशी और 250 घरेलू दौरे किए, लेकिन वह आज तक मणिपुर नहीं गए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मणिपुर का दौरा किया. कांग्रेस ने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की, अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया, लेकिन प्रधानमंत्री ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी. प्रदेश की जनता चाहती है कि प्रधानमंत्री वहां जाएं, शांति की अपील करें और लोगों को विश्वास दिलाएं.”
मोदी सरकार पर सच्चाई छिपाने का प्रयास का लगाया आरोप
सप्तगिरी उलाका ने हिंसा को लेकर गृह मंत्री की ओर से गठित आयोग की रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं करने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सच्चाई छिपाने का प्रयास कर रही है और उसमें हालात सामान्य करने को लेकर कोई इच्छा शक्ति नहीं है.
3 मई, 2023 की तारीख मणिपुर के इतिहास में काला दिन
वहीं, मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष केशम मेघचंद्र ने कहा कि 3 मई, 2023 का दिन देश के इतिहास में काला दिन था. भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की निष्क्रियता के कारण चल रहा संघर्ष अभी भी अनसुलझा है. 2023 में शांति समिति का गठन होने के बावजूद कोई बैठक नहीं हुई. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले दो वर्षों में राज्य में शांति और सामान्य स्थिति वापस लाने का भी कोई प्रयास नहीं किया. मणिपुर में स्थिति भयावह है. राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी लगातार हिंसा सामान्य स्थिति की अनुपस्थिति को रेखांकित करती है.
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