Kiren Rijiju on Kapil Sibbal: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें एक “औसत दर्जे का वकील” करार दिया और कहा कि वे अपने निजी एजेंडे को संसद पर नहीं थोप सकते. रिजिजू का यह बयान उस वक्त आया जब कपिल सिब्बल ने यह कहा कि जब तक न्यायमूर्ति शेखर यादव की कथित सांप्रदायिक टिप्पणी की जांच के लिए महाभियोग की प्रक्रिया शुरू नहीं होती, तब तक विपक्ष को न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले किसी भी महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन नहीं करना चाहिए.औसत वकील हैं सिब्बल – रिजिजूरिजिजू ने कपिल सिब्बल को बहुत औसत वकील बताया और कहा कि वे खुद को हर विषय पर प्रकाश डालने वाला व्यक्ति मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि कई सांसद उनसे ज़्यादा समझ और ज्ञान रखते हैं.
संसद सबकी है, किसी एक की नहींकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि संसद सभी सदस्यों की सामूहिक भागीदारी से चलती है, न कि किसी एक वकील-सांसद के इरादों से. हम देशहित में काम कर रहे हैं, न कि किसी का एजेंडा चलाने के लिए.
जजों को हटाने का अधिकार सिर्फ संसद कोरिजिजू ने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के किसी जज को हटाने का एकमात्र मंच संसद है. उन्होंने कहा कि कोई और संस्था ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि संसद देश की सर्वोच्च निर्वाचित संस्था है.
सिब्बल के आरोपों पर सरकार का पलटवारकपिल सिब्बल ने सरकार पर न्यायमूर्ति शेखर यादव को बचाने का आरोप लगाया है और कहा कि उनके खिलाफ विपक्षी सांसदों द्वारा दायर याचिका दिसंबर 2024 से लंबित है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रिजिजू ने कहा कि सिब्बल का व्यवहार पक्षपाती और व्यक्तिगत है.
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