Karnataka Honey Trap: कर्नाटक के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने गुरुवार (20 मार्च, 2025) को कहा कि राज्य के एक सीनियर मंत्री को हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई. उन्होंने मामले की पुलिस जांच की मांग की. इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर जारकीहोली ने कहा, “(मंत्री को फंसाने के) दो प्रयास किए गए, लेकिन वे सफल नहीं हुए.”
कर्नाटक में हनी ट्रैप की यह पहली घटना नहीं है. विधानसभा में एक अन्य मंत्री ने दावा किया कि सिर्फ एक या दो नहीं बल्कि 48 मंत्री इसी तरह के राजनीतिक जाल में फंस चुके हैं. इन खुलासों के बाद कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कथित हनी ट्रैप प्रयास की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की. उन्होंने विधानसभा में बजट सत्र की चर्चा के दौरान यह घोषणा की.
हनी ट्रैप मामले पर जमकर हो रहा राजनीतिक बवाल
बीते दिन बुधवार (19 मार्च, 2025) को बीजेपी के पूर्व मंत्री वी सुनील कुमार की ओर से विधानसभा में इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर “हनी ट्रैप फैक्ट्री” चलाने का आरोप लगाया और गृह विभाग से कार्रवाई करने की मांग की. कर्नाटक के एक मंत्री के हनी ट्रैप में फंसने की अटकलों से शुरू हुआ मामला अब एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गया है.
‘कोशिश तो की गई लेकिन नाकाम रही’
बजट सत्र में चर्चा के दौरान विजयपुरा के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने इस मुद्दे को उठाया और कहा कि सहकारिता मंत्री को फंसाने की कोशिश की गई है. राजन्ना ने दावों को स्वीकार किया और विधानसभा में जवाब देते हुए कहा, “कई लोग कहते हैं कि कर्नाटक सीडी और पेन ड्राइव फैक्ट्री बन गया है. यह एक गंभीर आरोप है. कहा जा रहा है कि तुमकुरु के एक प्रभावशाली मंत्री को हनी ट्रैप में फंसाया गया है. तुमकुरु के मंत्री जी परमेश्वर और मैं हैं.” उन्होंने आगे कहा, “मैं इस बारे में शिकायत दर्ज कराऊंगा. गृह मंत्री को इस मामले की जांच करनी चाहिए.”
जारकीहोली ने जांच की मांग की और पुष्टि की कि यह सच है कि प्रयास किया गया था, लेकिन सफल नहीं हुआ. कर्नाटक में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है; यह पिछले 20 सालों से हो रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस सभी पार्टियां इसका शिकार हैं. जारकीहोली ने जांच की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, “हमने मांग की है कि शिकायत दर्ज की जाए और जांच की जाए. हमने पीड़ित से कहा है कि वह आगे आकर शिकायत दर्ज कराए, तभी इसकी जांच हो सकेगी और सच्चाई सामने आएगी.”
राजन्ना ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, “वे दो अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े हैं. यह मामला सिर्फ हमारे राज्य तक सीमित नहीं है- यह राष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ है, जिसमें देश भर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं. मैं यहां अपने खिलाफ लगे आरोपों का जवाब नहीं दूंगा. मैं गृह मंत्री को लिखित शिकायत दूंगा. इसकी जांच होनी चाहिए. यह सामने आना चाहिए कि इसके पीछे निर्माता और निर्देशक कौन हैं. जनता को पता होना चाहिए. दो पार्टियों के 48 लोगों की पेन ड्राइव है. ये बहुत ही खतरनाक है.”
उन्होंने आगे कहा, ‘ये पब्लिक का मुद्दा है. उन लोगों ने मेरे ऊपर भी कोशिश की और मेरे पास इसके सबूत हैं. मैं शिकायत दर्ज कराऊंगा. खुलासा होने दो इसमें कौन-कौन शामिल है.’
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