‘रोजा, नमाज, हज और जकात पर बैन…’, वक्फ पर पीएम मोदी के बयान पर भड़के अरशद मदनी

Must Read

जमीयत-उलेमा-ए-हिंद (एएम) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर भड़क गए, जिसमें पीएम मोदी ने कहा कि वक्फ कानून का संविधान में कोई स्थान नहीं है. रविवार (24 नवंबर, 2024) को उन्होंने पटना में आयोजित ‘संविधान बचाओ एवं राष्ट्रीय एकता’ सम्मेलन में कहा कि कल को तो पीएम मोदी रोजा, नमाज, जकात और हज पर भी प्रतिबंध लगा देंगे.
अरशद मदनी ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर हैरानी जताते हुए कहा कि कल वह यह भी कह सकते हैं कि नमाज, रोजा, हज और जकात का उल्लेख संविधान में कहीं नहीं है, इसलिए इन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमें प्रधानमंत्री से इतने कमजोर बयान की उम्मीद नहीं थी, अगर उन्हें इसके बारे में कुछ नहीं पता है तो वह संविधान के जानकार लोगों से इस बारे में जानकारी ले सकते थे.’
अरशद मदनी ने दावा किया कि वक्फ संपत्तियों को नष्ट करने और जब्त करने का रास्ता साफ करने वाला यह विधेयक अगर संसद में पेश किया गया तो जमीयत हिंदू, अन्य अल्पसंख्यकों और सभी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा वाले लोगों के साथ मिलकर देश भर में इसका विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि मुसलमान कोई भी नुकसान बर्दाश्त कर सकता है लेकिन शरीयत में कोई दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं कर सकता.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को पता होना चाहिए कि वक्फ इस्लाम का अभिन्न अंग है और इसका उल्लेख हदीस में मिलता है, जो हमारे पैगंबर द्वारा कहे गए शब्द हैं.’ अरशद मदनी ने कहा कि संविधान में देश के सभी अल्पसंख्यकों को धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है और यह (वक्फ) इस धार्मिक स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. जमीयत प्रमुख ने कहा, ‘यह हमारा धार्मिक मामला है इसलिए इसकी रक्षा करना और इसे जीवित रखना हमारा धार्मिक कर्तव्य है.’
अरशद मदनी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू  से वक्फ संशोधन विधेयक को पारित होने से रोकने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा किया तो यह मुसलमानों की पीठ में छुरा घोंपने के समान होगा. यह दोहरी राजनीति अब नहीं चल सकती कि आपको हमारा वोट मिले और सत्ता में आकर इस वोट का इस्तेमाल आप हमारे ही खिलाफ करें. 
लोकसभा में बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत नहीं है और इसे सत्ता में रहने के लिए नीतीश की जनता दल (यू) और नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) समेत अन्य दलों के समर्थन की जरूरत है. अरशद मदनी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के बयानों की भी निंदा की. हिमंत बिस्व सरमा झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के प्रभारी थे. उन्होंने कहा, ‘असम के मुख्यमंत्री ने झारखंड में मुसलमानों को घुसपैठिया करार दिया. उन्हें याद रखना चाहिए कि ज्यादातर मुसलमान भारतीय मूल के हैं. आप मुसलमानों में ब्राह्मण, त्यागी और राजपूत पा सकते हैं.’
अरशद मदनी ने झारखंड में बीजेपी की हार का जिक्र करते हुए कहा कि जो लोग नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें हार का सामना करना पड़ा औऱ यह ऊपर वाले की कृपा है, इसमें कोई संदेह नहीं है लेकिन हमें यह स्वीकार करना होगा कि हिंदू भी हमारे साथ खड़े दिखे.
परोक्ष रूप से जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए अरशद मदनी ने कहा, ‘राज्य की सत्तारूढ़ व्यवस्था वह बैसाखी है जिस पर केंद्र खड़ा है. राज्य में मौजूद शक्तियां दावा करती हैं कि वे मुसलमानों को प्रताड़ित नहीं होने देंगी. अगर वे खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं तो उन्हें इसपर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.यदि वे विचलित होते हैं, तो मुस्लिम समुदाय को यह निर्णय लेना होगा कि उन पर और भरोसा किया जाए या नहीं.’
यह भी पढ़ें:-Sambhal Mosque Row: ‘सरकार ने खुद खराब किया माहौल’, संभल तनाव पर प्रियंका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से की ये अपील

india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi

ENGLISH NEWS

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -