Waqf Act: वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लगातार याचिकाएं दाखिल हो रही हैं. अब तक कुल 6 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं. जमीयत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी कोर्ट का रुख किया है. उन्होंने कानून को असंवैधानिक करार देने की मांग के साथ यह भी कहा है कि कोर्ट सरकार को इसे लागू करने की अधिसूचना जारी करने से रोक दे.
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन एक्ट के खिलाफ यह 6 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं :-
1. कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद2. AMIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी3. AAP विधायक अमानतुल्लाह खान4. एसोसिएशन फ़ॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स5. समस्त केरल जमीयतुल उलमा6. मौलाना अरशद मदनी
याचिकाओं में वक्फ को लेकर क्या कहा गया?
वक्फ कानून को लेकर अभी और भी कई याचिकाओं के सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि सोमवार को याचिकाकर्ता चीफ जस्टिस संजीव खन्ना से जल्द सुनवाई का अनुरोध कर सकते हैं. अब तक दाखिल सभी याचिकाओं में मुख्य रूप से यही कहा गया है कि यह मुसलमानों के साथ भेदभाव करने वाला कानून है. वक्फ एक धार्मिक संस्था है. उसके कामकाज में सरकारी दखल गलत है. नया वक्फ कानून संविधान के अनुच्छेद 14, 15 (समानता), 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) 26 (धार्मिक मामलों की व्यवस्था) और 29 (अल्पसंख्यक अधिकार) जैसे मौलिक अधिकारों के खिलाइ है. याचिकाकर्ताओं ने कानून में बदलाव को अनुच्छेद 300A यानी संपत्ति के अधिकार के भी खिलाफ बताया है.
इन सभी याचिकाओं में एक ही मांग
सभी याचिकाओं में कोर्ट से कानून को संविधान के खिलाफ बताते हुए दखल की मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं ने कानून के अमल पर रोक की भी मांग की है, लेकिन आमतौर पर यह देखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट संसद से पारित कानून पर एकतरफा रोक नहीं लगाता. अगर कोर्ट इन याचिकाओं को विचार के योग्य समझेगा, तो सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग सकता है.
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