Jharkhand Financial Crisis: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है. एक दिन पहले ही झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाया की मांग की थी. अब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इसे लेकर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि झारखंड के करोड़ों रुपए की कोयला रॉयल्टी और केंद्रीय योजनाओं के लाभ का बकाया नहीं चुकाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनियों की ओर से संचालित कोयला खदानों से झारखंड सरकार का पैसा बकाया है जो अब एक गंभीर समस्या बन गई है.
झारखंड सरकार के पास बकाया राशि
कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में लिखा कि झारखंड सरकार के पास बकाया राशि का एक बड़ा हिस्सा है जिसमें भूमि मुआवजे के 1,01,142 करोड़ रुपए, कॉमन कॉज के तहत 32,000 करोड़ रुपए और धुले हुए कोयले की रॉयल्टी के 2,500 करोड़ रुपए शामिल हैं. ये राशि न केवल राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि स्थानीय लोगों की भलाई के लिए भी आवश्यक है.
पीएम फंड्स जारी क्यों नहीं कर रहे?
उन्होंने कहा कि अब सवाल उठता है कि नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री इन फंड्स को जारी क्यों नहीं कर रहे हैं. क्या JMM-कांग्रेस गठबंधन को वोट देने के लिए झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है? राज्य भाजपा नेतृत्व की इस मामले में चुप्पी और असमर्थता भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है.
BJP को देना होगा 1.36 लाख करोड़ रुपए का हिसाबजयराम रमेश ने कहा कि झारखंड की जनता अब बीजेपी से सवाल कर रही है कि जब वह चुनावी प्रचार के दौरान राज्य से वोट मांगने आएगी तो पहले राज्य को बकाया राशि क्यों नहीं जारी की जाएगी. भाजपा को 1.36 लाख करोड़ रुपए के इस बकाया का जवाब देना होगा और यह स्पष्ट करना होगा कि झारखंड को केंद्र से उचित फंड क्यों नहीं मिल रहा है.
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