<p style="text-align: justify;">मंगलवार (01 जुलाई, 2025) को भारतीय नौसेना को रूस में अपना आखिरी विदेशी युद्धपोत ‘INS तमाल’ मिला तो मुंबई में प्रोजेक्ट 17ए के दूसरे स्टील्थ फ्रिगेट (जंगी जहाज) उदयगिरि को मझगांव डॉकयार्ड ने सौंप दिया. रूस में निर्मित स्टील्थ फ्रिगेट ‘INS तमाल’ की कमीशनिंग कैलिनिनग्राद में संपन्न हो गई है. इस दौरान रशियन शिपयार्ड में भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान के कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल संजय जे सिंह भी मौजूद थे.</p>
<p style="text-align: justify;">कैलिनिग्राद से भारत आने के बाद तमाल, नौसेना की पश्चिमी फ्लीट (स्वार्ड आर्म) का हिस्सा बनेगा. भारतीय नौसेना के नए स्टेल्थ फ्रिगेट का नाम पौराणिक कथाओं से लिया गया है. भगवान इंद्र द्वारा युद्ध में उपयोग किए जाने वाली तलवार का नाम ‘तमाल’ था.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>फ्रिगेट्स की आठवीं सीरीज का हिस्सा<br /></strong><br />नौसेना के मुताबिक, यह क्रिवाक श्रेणी के फ्रिगेट्स की आठवीं सीरीज का हिस्सा है, जिसे रूस से पिछले दो दशकों में शामिल किया गया है. तमाल, तुशील श्रेणी का दूसरा जहाज है, जो अपने पूर्ववर्तियों, तलवार और तेग श्रेणियों का बेहतर संस्करण है. नौसेना के मुताबिक, तमाल की स्पीड 30 नॉटिकल मील है. इससे एंटी शिप ब्रह्मोस मिसाइल फायर की जा सकती है.</p>
<p style="text-align: justify;">एंटी सबमरीन वॉरफेयर के लिए भी इसे खास तौर पर डिजाइन किया गया है. दुश्मन के हमलों से निपटने के लिए एंटी-सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो भी इस वॉरशिप में मौजूद है. तमाल पर एक हेलीकॉप्टर को भी तैनात किया जा सकता है. एयर डिफेंस के लिए तमाल को मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल (MRSAM) से लैस किया गया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ब्रह्मोस लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल<br /></strong><br />भारतीय नौसेना के मुताबिक, तमाल को रूस के कैलिनिनग्राद के यांतर शिपयार्ड में जरूर तैयार किया गया है, लेकिन इसमें 26 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है. इसमें ब्रह्मोस लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल शामिल है. ‘INS तमाल’ भारतीय नौसेना का आखिरी विदेशी जंगी जहाज है. पिछले एक दशक में भारत ने रूस से तमाल के अलावा तुशील और विमानवाहक युद्धपोत INS विक्रमादित्य खरीदा है. </p>
<p style="text-align: justify;">इस वक्त, नौसेना के 60 से ज्यादा जंगी जहाज और पनडुब्बियां देश के अलग-अलग शिपयार्ड में बनाए जा रहे हैं. आगे समय में भारतीय नौसेना का कोई भी युद्धपोत देश से बाहर नहीं बनाया जाएगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>प्रोजेक्ट के तहत बने 7 शिपगार्ड<br /></strong><br />इस बीच रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की तरफ बड़ा कदम उठाते हुए स्वदेशी शिपयार्ड मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) ने नौसेना को प्रोजेक्ट-17ए के दूसरे स्टेल्थ फ्रिगेट (युद्धपोत) आईएनएस उदयगिरि को सौंप दिया है. इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 7 ऐसे फ्रिगेट, एमडीएल और कोलकाता स्थित जीआरएसई शिपयार्ड बना रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">ये सभी मल्टी मिशन फ्रिगेट हैं, जो ब्लू वाटर में ऑपरेट कर सकते हैं और कन्वेंशनल और नॉन-कन्वेंशनल खतरों से निबटने में सक्षम हैं. माना जा रहा है कि 2026 तक प्रोजेक्ट 17ए के सभी जहाज नौसेना को डिलीवर कर दिए जाएंगे.<br /><br /><strong>जमीन से जमीन तक मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल </strong></p>
<p style="text-align: justify;">नौसेना के मुताबिक, पी-17ए के सभी जंगी जहाज में दमदार स्टील्थ फीचर्स हैं और स्टेट ऑफ द ऑर्ट वेपन्स और सेंसर से लैस हैं. उदयगिरी के वेपन सूट में जमीन से जमीन तक मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल, मध्यम दूरी की जमीन से आसमान में मार करने वाली एमआरसैम मिसाइल प्रणाली, 76 एमएम गन सहित 30 एमएम और 12.7 एमएम रैपिड फायर क्लोज इन वेपन सिस्टम शामिल है.</p>
<p style="text-align: justify;">प्रोजेक्ट 17ए में एमडीएल और जीआरएसई के अलावा करीब 200 एमएसएमई (माइक्रो एंड स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेज) शामिल हैं. प्रोजेक्ट के जरिए 4000 लोगों को सीधे रोजगार उत्पन्न हो रहा है तो करीब 10 हजार अप्रत्यक्ष रूप से उत्पन्न हो रही है.</p>
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समंदर में दुश्मनों का काल बनेगा INS तमाल! इंद्र के तलवार की तरह करेगा वार, जानें क्या है खासियत

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