India Weather News: देश की राजधानी दिल्ली समेत कई हिस्सों में जुलाई के पहले सप्ताह से ही मूसलाधार बारिश शुरू हो चुकी है. तेज बारिश के कारण दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति बन गई है. वहीं किसानों के लिए यह बारिश वरदान साबित हो रही है. खासकर धान की फसल के लिए इस समय पानी की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है.
मौसम परिवर्तन का असर न केवल मैदानी इलाकों में, बल्कि पहाड़ी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है. वहां बारिश का रौद्र रूप सामने आया है, जिससे लैंडस्लाइड और सड़कें बंद होने की खबरें भी आ रही हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, इस साल मॉनसून का पैटर्न कुछ हद तक सामान्य से अलग दिख रहा है. जहां एक ओर शहरों में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह खुशखबरी जैसा है.
उत्तर प्रदेश में तीन दिन का बारिश अलर्टउत्तर प्रदेश मौसम विभाग ने 11 जुलाई से लगातार तीन दिन तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. मुख्य प्रभावित जिलों में मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, जालौन, महोबा, औरैया, फतेहपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर और सोनभद्र शामिल हैं. इन जिलों में न केवल बारिश, बल्कि तेज हवा और बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है. स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे गैर-जरूरी यात्राओं से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें. मथुरा और आगरा में तो तेज हवाओं के साथ बिजली चमकने का भी अलर्ट है. सरकारी एजेंसियों द्वारा राहत और बचाव दल तैनात किए जा चुके हैं. आम जनता को सलाह दी गई है कि वे मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए अपडेट पर ध्यान दें और सतर्क रहें.
बिहार में मानसून की स्थिति: क्या इस बार होगी पानी की किल्लत?पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, बिहार में मानसून इस बार सामान्य से कुछ कमजोर रहा है. हालांकि, 11 जुलाई से पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, भोजपुर, गया, नवादा, जमुई, बांका, मुंगेर और भागलपुर में बारिश की संभावना जताई गई है. 30-40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और बिजली गिरने की भी आशंका है. इस बीच, बिहार के किसान चिंतित हैं कि यदि मानसून की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो धान और अन्य खरीफ फसलों पर असर पड़ सकता है.
राजस्थान, हिमाचल और उत्तराखंड में क्या है मौसम का मिजाज?11 से 16 जुलाई के बीच पूर्वी राजस्थान, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा की संभावना मौसम विभाग ने जताई है. खासतौर पर हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और कुल्लू जिलों में भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है. उत्तराखंड के चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में भी भारी बारिश के कारण अलर्ट जारी किया गया है. चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों से भी अनुरोध किया गया है कि वे मौसम की स्थिति देखकर ही यात्रा की योजना बनाएं. पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी 11 और 16 जुलाई को बारिश की संभावना है, जिससे खेतों में पानी भरने और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
मध्य प्रदेश, बंगाल, छत्तीसगढ़ में बारिश का दौर जारीमध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, कोंकण और गोवा में भी 11 से 16 जुलाई के बीच भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है. विशेष रूप से मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में 10, 13 और 14 जुलाई को, सौराष्ट्र और कच्छ में 13 जुलाई को भारी वर्षा का पूर्वानुमान है. मिजोरम और त्रिपुरा में भी 11 जुलाई को तेज बारिश का असर देखा जा सकता है.
भारत के राज्यों का हालपूर्वोत्तर भारत के राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, सिक्किम और नागालैंड में भी 12 से 16 जुलाई के दौरान बारिश होने की बात कही गई है. इसका असर चाय बागानों और अन्य कृषि उत्पादों पर भी देखने को मिल सकता है. इसके अलावा दक्षिणी राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, गुजरात और छत्तीसगढ़ में भारी बारिश हो सकती है.
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश से बुरा हालजुलाई 2025 में जम्मू-कश्मीर में जारी भारी बारिश ने एक बार फिर से पूरे क्षेत्र को सतर्क कर दिया है. खासतौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक, अगले कुछ दिनों तक भी बारिश का यही सिलसिला जारी रह सकता है. खास बात यह है कि इस बार बारिश का असर केवल खेतों या आम रास्तों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि रेलवे यातायात पर भी पड़ा है.
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