भाजपा के विधान परिषद सदस्य पंकजा मुंडे ने इस बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि उनका राजनीतिक दृष्टिकोण अलग है और वह केवल इसलिए इस बयान के समर्थन नहीं कर सकती कि वह भाजपा से हैं.पंकजा मुंडे ने कहा था, “मेरे लिए विकास ही असली मुद्दा है. एक नेता का काम है कि धरती पर रहने वाले हर व्यक्ति को अपना समझे. हमें महाराष्ट्र में किसी ऐसे मुद्दे को लाने की जरूरत नहीं है.”हालांकि, पंकजा मुंडे ने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ ने इसे उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अलग संदर्भ में कहा था और इसका वही अर्थ नहीं है जो महाराष्ट्र में समझा जा रहा है.पंकजा मुंडे ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना जाति या धर्म देख सबको समान रूप से राशन, आवास और सिलेंडर दिए हैं. योगी आदित्यनाथ के बयान के खिलाफ एनसीपी नेता अजित पवार भी खुलकर सामने आए हैं.”हाल ही में अजित पवार ने कहा था, “मैं पहले भी कई बार कहा है कि इस तरह की राजनीति महाराष्ट्र में काम नहीं करेगी. हो सकता है कि उत्तर प्रदेश झारखंड या अन्य जगहों पर कम करें पर महाराष्ट्र में नहीं.”एनसीपी के उम्मीदवार नवाब मलिक ने भी कहा था कि भाजपा की ओर से चुनावी घोषणा पत्र में धर्म परिवर्तन विरोधी कानून के वादे को महायुति के एजेंडे में शामिल नहीं किया गया है.वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडा को उनके समर्थक मानते हैं कि मोदी शाह के उदय के बाद से उन्हें पार्टी में हाशिए पर रखा गया है. हालांकि, ओबीसी समुदाय के लिए पंकजा मुंडे एक मजबूत चेहरा बनी हुई है, जिसे बीजेपी नकार नहीं सकती.
Published at : 14 Nov 2024 05:44 PM (IST)
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