भारत ने पाकिस्तान को पहले भी कई बार चखाया है स्वाद! जानें ऑपरेशन कैक्टस लिली, बंदर से लेकर सिंदूर तक की पूरी कहानी

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ऑपरेशन रिडल (1965) भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान के ऑपरेशन जिब्राल्टर और ग्रैंड स्लैम के जवाब में भारत ने 6 सितंबर 1965 को ऑपरेशन रिडल शुरू किया. इसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तानी सेना को पीछे धकेलना और लाहौर तथा कसूर जैसे रणनीतिक इलाकों पर दबाव बनाना था.अप्रैल 1965 में पाकिस्तान द्वारा कच्छ क्षेत्र में तनाव बढ़ाने के बाद, भारत ने पश्चिमी सीमा पर एक रक्षात्मक रणनीति के तहत ऑपरेशन अब्लेज़ शुरू किया. इस अभियान का उद्देश्य अग्रिम तैनाती के माध्यम से किसी भी पाकिस्तानी आक्रमण को पहले ही निष्क्रिय करना था.ऑपरेशन कैक्टस लिली भारत के सबसे निर्णायक सैन्य अभियानों में से एक था, जो बांग्लादेश की आजादी के लिए 1971 में लड़ा गया. 3 से 16 दिसंबर 1971 तक चले इस अभियान के तहत भारत ने पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना को हराया और अंततः 16 दिसंबर को पाकिस्तान की सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया.1971 के ऑपरेशन त्रिशूल और ऑपरेशन पायथन अभियानों के जरिए भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह को निशाना बनाया. ऑपरेशन त्रिशूल के दौरान पहली बार समुद्र में एंटी-शिप मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, जिससे पाकिस्तान की समुद्री ताकत को गहरी चोट पहुंची. ऑपरेशन पायथन ने इस सफलता को आगे बढ़ाया और पाकिस्तान के नौसेनिक ठिकानों को कमजोर किया.1984 में सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण पाने के लिए भारत ने ऑपरेशन मेघदूत शुरू किया. यह अभियान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में सफल सैन्य तैनाती का उदाहरण बन गया. पाकिस्तान की ओर से इस क्षेत्र में विदेशी पर्वतारोहियों को अनुमति देने की योजना को भांपकर भारतीय सेना ने समय रहते सियाचिन पर कब्जा कर लिया.कारगिल युद्ध के दौरान साल 1999 में भारत का जवाबी सैन्य अभियान ऑपरेशन विजय था. पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों की ओर से कारगिल में घुसपैठ के बाद भारत ने ऑपरेशन विजय के तहत ऊंची चोटियों पर दोबारा से कंट्रोल हासिल किया.साल 1999 में कारगिल युद्ध में भारतीय वायुसेना की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाने वाला ऑपरेशन सफेद सागर पहली बार जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर वायुशक्ति के प्रयोग का उदाहरण बना. इस ऑपरेशन के तहत नियंत्रण रेखा के पार किए बिना भारत ने पाकिस्तानी ठिकानों पर प्रभावी हवाई हमले किए.ऑपरेशन बंदर (2019) पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने के बाद, भारत ने 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर एयरस्ट्राइक की. इसका नाम ऑपरेशन बंदर रखा गया. इसमें कई आतंकियों को मार गिराया गया और भारत ने पहली बार खुले तौर पर अपने हवाई अभियानों के माध्यम से आतंकवाद को लक्ष्य बनाया.22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को SCALP मिसाइलों से निशाना बनाया. इन हमलों में जैश और लश्कर जैसे संगठनों के 80 से अधिक आतंकी मारे गए.

Published at : 08 May 2025 03:59 PM (IST)

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