IEW 2025: दिल्ली में इंडिया एनर्जी वीक-2025 की मंगलवार (11 फरवरी, 2025) से शुरुआत हुई. पहले दिन नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत भारत में हाइड्रोजन को अपनाने की रणनीति को उजागर किया गया, जिसका उद्देश्य भारत को हाइड्रोजन उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाना है.
इस मिशन के तहत कई पहल चल रही हैं, जिनमें पाइपलाइनों में हाइड्रोजन और प्राकृतिक गैस का मिश्रण, औद्योगिक क्षेत्र में डिकार्बोनाइजेशन को बढ़ावा देना और सार्वजनिक परिवहन व माल परिवहन में हाइड्रोजन-आधारित गतिशीलता समाधानों का विस्तार शामिल है.
भारत की स्थाई और हरित परिवहन प्रणालियों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विदेशी ऊर्जा मंत्रियों के साथ मिलकर इंडिया एनर्जी वीक (IEW) 2025 में हाइड्रोजन बस की सवारी की. इस प्रतीकात्मक यात्रा में भारत के स्वच्छ परिवहन समाधानों में तेजी से हो रही प्रगति पर जोर दिया गया. हाइड्रोजन नवाचार और कार्बन मुक्त भविष्य की दिशा में देश के नेतृत्व को मजबूत करने की तरफ बढ़ावा दिया गया.
भारत की उपलब्धियों और लक्ष्यों के बारे में दी जानकारीइंडिया एनर्जी वीक की शुरुआत करने के साथ ही पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने IEW 2025 में अपने संबोधन में भारत की उपलब्धियां और लक्ष्यों के बारे में बताया. मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ऊर्जा परिदृश्य में हो रहे बदलावों और दीर्घकालिक लक्ष्यों के साथ वर्तमान चुनौतियों को संतुलित करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि ऊर्जा परिवर्तन व्यावहारिक होना चाहिए, जिसमें हाइड्रोकार्बन और नवीकरणीय ऊर्जा का समावेश हो. ऊर्जा की किफायती, सुरक्षित और सतत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.
उन्होंने बताया कि भारत रणनीतिक दृष्टिकोण अपना रहा है, जिसमें 7.6 बिलियन टन के खोजे गए अपस्ट्रीम संसाधनों, 500 मिलियन टन के बायोफ्यूल फीडस्टॉक और बढ़ती ऊर्जा मांग का उपयोग किया जा रहा है. साथ ही, देश नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन हाइड्रोजन उत्पादन, हाइड्रोजन निवेश में 96 बिलियन डॉलर आकर्षित करना, प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 6% से बढ़ाकर 15% करना और रिफाइनिंग एवं पेट्रोकेमिकल विस्तार में 30 बिलियन डॉलर का निवेश करना है.
‘हाइब्रिड ऊर्जा मॉडल को अपनाएंगे’पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘देश और कंपनियां इस हाइब्रिड ऊर्जा मॉडल को सफलतापूर्वक अपनाएंगी और भविष्य की ऊर्जा महाशक्तियों के रूप में उभरेंगी.’ उन्होंने ये भी कहा कि ऊर्जा सप्लाई चेन को मजबूत करना आवश्यक है ताकि ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाया जा सके.’ उन्होंने महत्वपूर्ण खनिजों, सेमीकंडक्टर्स और बैटरी सामग्री की सप्लाई में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘लिथियम, निकेल और सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में रुकावटें स्वच्छ प्रौद्योगिकी तक समान पहुंचाने में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं.’
चुनौतियों के समाधानपेट्रोलियम मंत्री ने कहा,’जो भी चुनौतियां आ रही हैं उन चुनौतियों का समाधान करने के लिए सप्लाई चेन में विविधता लाने, बैटरी रीसाइक्लिंग को बढ़ाने और सोडियम-आयन एवं सॉलिड-स्टेट बैटरियों जैसे वैकल्पिक रसायनों को विकसित करने की आवश्यकता है.’ मंत्री ने सरकारों और उद्योगों से अपील करते हुए कहा, ‘वे व्यवस्थित ऊर्जा परिवर्तन सुनिश्चित करने, कच्चे माल की कमी को रोकने और स्वच्छ ऊर्जा के लाभों को सभी तक पहुंचाने के लिए निर्णायक कदम उठाएं.’
मंत्रियों ने IEW 2025 में हाइड्रोजन बस की सवारी कीमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाइड्रोजन बस की सवारी की, जिसमें उनके साथ फॉरेन डेलिकेट्स भी मौजूद रहे. ये बसें टाटा मोटर्स के साथ मिलकर इंडियन ऑयल ने तैयार की हैं. भारत में हाइड्रोजन स्ट्रक्चर तेजी से विकसित हो रहा है, और IEW 2025 में हाइड्रोजन बस का प्रदर्शन शून्य-उत्सर्जन, ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण-अनुकूल शहरी परिवहन के भविष्य की एक झलक प्रदान करता है. हाइड्रोजन बस के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक, जैसे-जैसे देश हरित हाइड्रोजन बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए सहयोग कर रहे हैं, भारत की सक्रिय पहल वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी
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