देशभर में अलर्ट! राज्यों को जारी एडवाइजरी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय बोला 2001 से ही…

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HMPV In India: HMPV ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस को लेकर स्वास्थ मंत्रालय अलर्ट है और बारीकी से इस पर नजर रखी जा रही है. मंगलवार को मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में श्वसन संबंधी बीमारियों की वर्तमान स्थिति और उनके प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की स्थिति की समीक्षा की है.
देश में सांस की बीमारी में कोई उछाल नहीं है. ऐसे मामलों का पता लगाने के लिए मजबूत निगरानी की जा रही है. वहीं राज्यों को निवारक उपायों के बारे में जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी गई. राज्यों को ILI/SARI निगरानी को मजबूत करने और समीक्षा करने की सलाह दी गई है. 
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की बड़ी बैठक
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों की वर्तमान स्थिति और चीन में एचएमपीवी मामलों में वृद्धि की मीडिया रिपोर्टों के बाद एचएमपीवी मामलों की स्थिति की समीक्षा करने के लिए सोमवार को वर्चुअल मोड में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में सचिव (डीएचआर) डॉ. राजीव बहल, डॉ (प्रोफेसर) अतुल गोयल, डीजीएचएस, राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और अधिकारी, एनसीडीसी, आईडीएसपी, आईसीएमआर, एनआईवी और आईडीएसपी की राज्य निगरानी इकाइयों के विशेषज्ञ मौजूद रहे. 
बैठक में जानकारी दी गई कि आईडीएसपी का डाटा देश में कहीं भी आईएलआई/एसएआरआई मामलों में किसी असामान्य वृद्धि का संकेत नहीं देता है. इसकी पुष्टि आईसीएमआर प्रहरी निगरानी डेटा से भी होती है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि एचएमपीवी से जनता के लिए चिंता का कोई कारण नहीं है, जो 2001 से विश्व स्तर पर मौजूद है. उन्होंने राज्यों को ILI/SARI निगरानी को मजबूत करने और समीक्षा करने की सलाह दी. उन्होंने दोहराया कि सर्दियों के महीनों के दौरान श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि आम तौर पर देखी जाती है. उन्होंने यह भी कहा कि देश श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में किसी भी संभावित वृद्धि के लिए अच्छी तरह से तैयार है.
HMVP के लक्षण
मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) कई श्वसन वायरस में से एक है, जो सभी उम्र के लोगों में संक्रमण पैदा कर सकता है, खासकर सर्दियों और शुरुआती वसंत महीनों के दौरान. वायरस संक्रमण आमतौर पर हल्की और स्व-सीमित स्थिति होती है और अधिकांश मामले अपने आप ठीक हो जाते हैं. बताया गया कि आईसीएमआर-वीआरडीएल प्रयोगशालाओं में पर्याप्त निदान सुविधाएं उपलब्ध हैं. 
राज्यों को दी गई एडवाइजरी
मंत्रालय की तरफ से राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई जिसमें कहा गया है कि साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने जैसे सरल उपायों के साथ वायरस के संचरण की रोकथाम के संबंध में आबादी के बीच आईईसी और जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जाए. गंदे हाथों से उनकी आंखों, नाक या मुंह को छूने से बचें, उन लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें, जिनमें बीमारी के लक्षण प्रदर्शित हो रहे हों. खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढकें आदि. इसको लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाये. इसके साथ ही राज्यों को ILI/SARI निगरानी को मजबूत करने और समीक्षा करने की सलाह दी गई है. 
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