Health Ministry Advisory: स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को अग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम, तैयारी और कमी के लिए क्षमता बढ़ाने के लिए निर्देश जारी किए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इससे पहले भी स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कई बार गाइडलाइंस जारी की जा चुकी हैं. इसी साल 2024 में ही 23 मार्च, 29 मई, 6 जून और 30 सितंबर को सभी राज्यों को पत्र भेजे गए थे, जिसमें सभी राज्यों को एक चेकलिस्ट भी जारी की गई.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन मुद्दों पर दिया जोर
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिन मुद्दों पर जोर दिया गया है उनमें ज्यादातर बिजली से संबंधित अग्नि दुर्घटनाएं शामिल हैं, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग में आने वाली ज्यादातर आग लगने के हादसे बिजली से ही संबंधित होते हैं. हालांकि इसके लिए स्वास्थ्य विभागों के पास इसके लिए एक केंद्रीय डेटाबेस की कमी है.
क्लिनिकल स्थापना अधिनियम, 2010 की धारा 32 के अनुसार, यदि स्वास्थ्य सुविधा में मरीजों की सेहत और सुरक्षा को खतरा है, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है. मंत्रालय ने कहा है कि स्वास्थ्य सुविधाओं (सार्वजनिक और निजी दोनों) में अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने और उनके खिलाफ तैयारी करने के लिए कुछ राज्यों द्वारा उठाए गए ठोस उपायों के बावजूद, ऐसी दुर्घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं और लोगों का जीवन खतरे में पड़ रहा है. इन सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुरक्षा प्रोटोकॉल पर ध्यान देने की भी बात कही गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर लें. राज्यों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में आग से लगने वाली घटनाओं को लेकर तैयारी और प्रतिक्रिया योजना के लिए जरूरी चीजों को प्राथमिकता दें.
सभी स्वास्थ्य सुविधाओं की आग की रोकथाम और प्रतिक्रिया योजनाओं की समीक्षा
अग्नि सुरक्षा प्रोटोकॉल, निकासी पर सभी स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना.
आग बुझाने वाले उपकरणों का उपयोग
निकासी योजनाओं सहित नियमित निवारक अग्नि सुरक्षा अभ्यास आयोजित करना
उचित अग्नि निवारण उपायों का कार्यान्वयन और रखरखाव
इनके साथ ही आग का पता लगाने और दमन की स्थापना और रखरखाव
नियमित जांच के साथ धूम्रपान अलार्म, अग्निशामक यंत्र सहित प्रणालियां, समाप्ति तिथि, स्प्रिंकलर पर देखरेख की जरूरत है
जिला स्तरीय समितियों का गठन
सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का भौतिक निरीक्षण करने के लिए जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में स्वास्थ्य अग्निशमन सेवाओं और सार्वजनिक निर्माण विभागों के संबंधित अधिकारियों को शामिल करते हुए जिला स्तरीय समितियों का गठन करने का भी निर्देश दिया गया है. मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया है कि ऐसी समितियों को कानून के तहत आवश्यक समझे जाने वाले डिफॉल्टरों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए भी निर्देशित किया जा सकता है.
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