Gyanvapi Case: वाराणसी के काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद पर शुक्रवार, 22 नवंबर को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद के सील किए गए वजूखाने को खोल कर उसके भी ASI सर्वे की मांग की. साथ ही वजूखाने में मिली शिवलिंग जैसी रचना की वैज्ञानिक जांच की मांग भी रखी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग पर मस्जिद पक्ष को नोटिस जारी किया. इस मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी.
जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मस्जिद पक्ष ने दलील दी कि हिंदू श्रद्धालुओं के पूरे मुकदमा ही सुनवाई योग्य नहीं है. अंजुमन इंतज़ामिया मस्जिद कमिटी के लिए पेश वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि इस बारे में उनका आवेदन पहले से लंबित है. पहले उस पर विचार हो. कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख को सभी मुद्दों पर सुनवाई की जाएगी.
सुनवाई में क्या हुआ?
चार हिंदू श्रद्धालु महिलाओं के लिए पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वाराणसी कोर्ट में लंबित सभी 15 मुकदमे इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर होने चाहिए. उन्होंने दलील दी थी कि मामला राष्ट्रीय महत्व का है. इसमें कई बड़े कानूनी सवालों पर विचार होना है. इसलिए, हाई कोर्ट में ही सुनवाई बेहतर होगी. मस्जिद पक्ष के वकील ने इसका विरोध किया. कोर्ट ने कहा कि वह अगली सुनवाई में इस आवेदन को भी सुनेगा.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वजूखाने को किया सील
2022 और 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद परिसर के सर्वे की अनुमति दी थी. लेकिन कोर्ट ने हर बार कहा था कि मस्जिद के वज़ूखाने को सील रखा जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां मिली शिवलिंग जैसी रचना को नुकसान न पहुंचे. दरअसल साल 1991 में ज्ञानवापी मस्जिद का मालिकाना हक हासिल करने के लिए एक याचिका दाखिल की गई थी. ये याचिका हरिहर पांडे, सोमनाथ व्यास और रामरंग शर्मा की ओर से दायर की गई थी.
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