AgustaWestland case: अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीद मामले में कथित घोटाले की बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले क्रिश्चियन मिशेल को लेकर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा आदेश आया है. कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई, लेकिन उन्होंने जमानत पर जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया है.
मिशेल ने कोर्ट में कहा कि वो जेल में ही रहना चाहते हैं. क्रिश्चियन मिशेल पिछले 6 साल से तिहाड़ जेल में बंद हैं. अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीद मामले में कथित तौर पर अनियमितता के आरोपों की चारों तरफ बड़ी चर्चा हुई थी, जिसके बाद में इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंपा गया था.
मिशेल ने जज से कहा नहीं आना चाहते हैं जेल से बाहर
राउज एवेन्यू कोर्ट में क्रिश्चियन मिशेल की जमानत से जुड़ी शर्तों पर सुनवाई शुरू होने पर जज ने कहा कि ऐसा व्यक्ति जो 6 साल से जेल में बंद है, वह स्थानीय जमानतदार कोर्ट में कैसे पेश कर सकता है. इसके बाद स्पेशल जज ने मिशेल से उनका हालचाल पूछा. जज ने कहा, “आप कैसे हैं, भगवान की कृपा से पिछले 2 महीनों में आपके साथ अच्छा हो गया है, आपको सीबीआई और ईडी के मामले में जमानत मिल गई है.”
इस पर मिशेल ने जज से कहा, “मेरे लिए दिल्ली बस एक बड़ा कारागार है. मेरा परिवार आपसे मिलने नहीं आ सकता. दिल्ली स्थित AIIMS अस्पताल में कुछ हुआ है. इस पर मैं आपसे व्यक्तिगत रूप से बात करना चाहता हूं. मेरी सुरक्षा खतरे में है. क्रिश्चियन मिशेल ने जज से कहा कि उसे जमानत मिल गई है, लेकिन वह जमानत पर जेल से बाहर नहीं आना चाहता है.” मिशेल ने कोर्ट से कहा कि वह अपनी सजा पूरी करके देश छोड़ना चाहता हैं.
कोर्ट ने मिशेल के जमानत की शर्तें तय की
राउज एवेन्यू कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स पर जमानत की शर्तें तय कर दी है. मिशेल को अगस्ता वेस्टलैंड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट और सीबीआई (CBI) के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत दी गई है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी को 5 लाख रुपये की व्यक्तिगत बॉन्ड राशि और समान राशि के एक मुचलके के साथ जमानत देनी होगी.
आरोपी अपना पासपोर्ट कोर्ट के समक्ष जमा करेगा.
चूंकि आरोपी का पासपोर्ट पहले ही समाप्त हो चुका है, इसलिए उसे ब्रिटिश हाई कमीशन के नियमों के अनुसार पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए तुरंत आवेदन करना होगा. इस दौरान, यदि ब्रिटिश हाई कमीशन उचित समझे, तो वह अपने एकमात्र विवेक पर उसे एक आपातकालीन प्रमाण पत्र जारी कर सकता है.
आरोपी को अपनी रिहाई के बाद प्रत्येक 15 दिनों में एक बार सीबीआई/जांच अधिकारी के कार्यालय में हाजिरी देनी होगी.
आरोपी अपनी रिहाई के तुरंत बाद जांच अधिकारी और अदालत को अपना मोबाइल नंबर/ईमेल आईडी प्रदान करेगा, जिस पर वह हमेशा उपलब्ध रहेगा.
आरोपी दिल्ली में अपना निवास स्थान बताएगा, जहां वह रिहाई के बाद रहेगा, और यदि वह अपना पता बदलता है, तो इसकी जानकारी अदालत और जांच अधिकारी को तुरंत देगा.
आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा.
आरोपी किसी भी गवाह से संपर्क करने या उन्हें प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेगा.
आरोपी इस मामले से संबंधित किसी भी विषय पर मीडिया से बातचीत नहीं करेगा और न ही किसी भी मंच पर इस मामले पर कोई टिप्पणी करेगा, जब तक कि मुकदमा चल रहा है.
यदि आगे कोई जांच आवश्यक होती है या मुकदमे के दौरान कोई सहयोग आवश्यक होता है, तो आरोपी पूर्ण सहयोग देगा.
आरोपी अदालत की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ेगा.
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