‘जुबान पर काबू रखना सीखो…’, गोवा के मंत्री का अस्पताल में डॉक्टर से बहस का वीडियो वायरल

Must Read

Goa Health Minister Controversy: गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उन्होंने गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) के एक वरिष्ठ डॉक्टर को ड्यूटी के दौरान मरीज से दुर्व्यवहार के आरोप में निलंबित कर दिया. यह कदम मंत्री ने एक वरिष्ठ पत्रकार की शिकायत के बाद उठाया जिन्होंने बताया कि उनकी सास को अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में इलाज से वंचित किया गया. जब मामले ने तूल पकड़ा तो सोशल मीडिया पर विश्वजीत राणे ने सफाई पेश की.
क्या है पूरा मामला?यह घटना शनिवार को GMCH में उस समय घटी जब मंत्री राणे ने अस्पताल का अचानक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा कि अस्पताल में मरीजों की संख्या बेहद कम थी, फिर भी एक बुजुर्ग महिला, जिन्हें डॉक्टरों ने रोजाना इंजेक्शन दिए जाने की सलाह दी थी, उन्हें अटेंड करने से इनकार कर दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, बुजुर्ग महिला एक सार्वजनिक छुट्टी के दिन इलाज के लिए अस्पताल पहुंची थीं. मंत्री को यह शिकायत एक वरिष्ठ पत्रकार से मिली, जिन्होंने अपनी सास के साथ हुई इस लापरवाही को साझा किया. रिपोर्ट मिलने के बाद मंत्री राणे ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रुद्रेश कुर्तिकर को मौके पर ही सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई और फिर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया.वीडियो में विश्वजीत राणे डॉक्टर को फटकारते हुए कहते हैं, “आपको अपनी जुबान पर काबू रखना सीखना चाहिए,. आप एक डॉक्टर हैं. मैं आमतौर पर गुस्सा नहीं होता, लेकिन आपको मरीजों से ठीक से पेश आना चाहिए, चाहे आप कितने भी व्यस्त हों. इसके बाद विश्वजीत राणे डॉ. पाटिल से कहते हैं कि इन्हें तुरंत CMO पद से हटाएं, मैं फाइल पर सस्पेंशन के लिए साइन कर दूंगा. मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता.”
मंत्री राणे ने क्या कहा?शनिवार शाम पत्रकारों से बातचीत में मंत्री राणे ने कहा, “हां, मैंने एक मंत्री के रूप में हस्तक्षेप किया और स्वीकार करता हूं कि मेरा लहजा और शब्द ज्यादा ठीक  हो सकते थे. मैं आत्मचिंतन और आलोचना से ऊपर नहीं हूं. मैं अपनी भाषा की जिम्मेदारी लेता हूं, और भरोसा देता हूं कि अगली बार बेहतर तरीके से बात करूंगा.” लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वे माफी नहीं मांगेंगे. उन्होंने कहा, “मैं उस बात के लिए माफी नहीं मांगूंगा कि मैंने उस मरीज के लिए खड़े होने का साहस दिखाया जिसे इलाज से वंचित कर दिया गया था.” 
“डॉक्टरों की प्रतिष्ठा है, लेकिन करुणा जरूरी”मंत्री ने कहा कि वह डॉक्टरों के प्रति सम्मान रखते हैं और GMCH में अधिकतर डॉक्टर समर्पित भाव से सेवा करते हैं, लेकिन जब किसी का व्यवहार अहंकारी हो जाए और करुणा की जगह उदासीनता ले ले, तो कार्रवाई करना अनिवार्य हो जाता है. उन्होंने कहा, “डॉक्टर समाज में एक प्रतिष्ठित स्थान रखते हैं. लेकिन जब कर्तव्य में अहंकार घुसपैठ कर जाता है, तो मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं कार्रवाई करूं.” 
IMA और सोशल मीडिया पर उठे सवालइस घटना के बाद सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी मंत्री के इस सार्वजनिक हस्तक्षेप पर आपत्ति जताई. इसके जवाब में मंत्री राणे ने सोशल मीडिया और मीडिया में हो रही आलोचना का जवाब भी दिया.
उन्होंने कहा, “जब GMCH में कोई गलती होती है तो वही मीडिया और जनता विरोध करती है. लेकिन जब सुधारात्मक कदम उठाए जाते हैं, तो हमें सिस्टम को बेहतर करने की कोशिशों का समर्थन करना चाहिए, न कि उन्हें गिराना चाहिए,” .
“हर मरीज के लिए लड़ता रहूंगा”मंत्री राणे ने अपनी भूमिका पर दोहराया कि वे हर उस व्यक्ति के लिए लड़ते रहेंगे जिसे अस्पताल में बुनियादी चिकित्सा सुविधा से वंचित किया गया हो. उन्होंने जोर देते हुए कहा, “मैं उस बुजुर्ग महिला के लिए खड़ा हुआ, जो असहाय थीं और मैं आगे भी हर ऐसे मरीज के लिए लड़ता रहूंगा जो हमारे अस्पताल में इलाज के लिए आता है.”
GMCH की भूमिका और जिम्मेदारीबम्बोलिम स्थित गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) एक राज्य संचालित अस्पताल है जिसमें 1,000 से अधिक बेड हैं. यह न सिर्फ गोवा बल्कि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे पड़ोसी राज्यों से भी मरीजों को सेवाएं प्रदान करता है. ऐसे में इस अस्पताल में कर्मचारियों का संवेदनशील होना जरूरी है.

india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi

ENGLISH NEWS

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -