जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी बोले- ‘ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करना है’

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G20 Summit 2024: रियो डी जेनेरो में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “सामाजिक समावेशन और भूख और गरीबी के खिलाफ लड़ाई” पर अपने विचार जाहिर किए. प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को सफल जी-20 अध्यक्षता के लिए बधाई दी और इस शिखर सम्मेलन की व्यवस्थाओं की सराहना की.
उन्होंने कहा कि भारत की ओर से नई दिल्ली में आयोजित शिखर सम्मेलन में लिए गए जन-केंद्रित फैसलों को ब्राजील के नेतृत्व में आगे बढ़ाया गया है. प्रधानमंत्री ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राथमिकता देने को लेकर भी संतोष जाहिर किया और इसे “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के सिद्धांत के तहत जरूरी बताया है.
‘250 मिलियन लोगों को निकाला गरीबी से बाहर’
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले एक दशक में भारत की गरीबी उन्मूलन में की गई प्रगति का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि “हमने 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और 800 मिलियन से अधिक लोगों को मुफ्त खाद्यान्न दिया जा रहा है.” इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना से 550 मिलियन लोगों के लाभान्वित होने की जानकारी दी, जिसमें 60 मिलियन वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का भी समावेश किया गया है.

At the G20 Summit in Rio de Janeiro, spoke at the Session on the ‘Fight Against Hunger and Poverty.’ This is an important subject and success in this sector will contribute greatly towards sustainable progress. During my remarks, I talked about India’s efforts, notably how we… pic.twitter.com/tHXzLIJkM2
— Narendra Modi (@narendramodi) November 18, 2024

खाद्य सुरक्षा और भारत का योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भारत के योगदान की भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि हाल ही में भारत ने मलावी, जाम्बिया और जिम्बाब्वे को मानवीय सहायता प्रदान की है, ताकि वहां खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके. इसके साथ ही उन्होंने ब्राजील द्वारा शुरू की गई “भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन” के प्रति भारत का समर्थन भी जाहिर किया और कहा कि यह गठबंधन नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में अपनाए गए डेक्कन उच्च स्तरीय सिद्धांतों को लागू करने की दिशा में एक अहम कदम है.
प्रधानमंत्री ने जी-20 देशों को संबोधित करते हुए कहा, “वैश्विक संघर्षों के कारण उत्पन्न खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से ग्लोबल साउथ के देश सबसे अधिक प्रभावित हैं.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि इन चर्चाओं का मकसद सही मायनों में सफल होना है तो वैश्विक साउथ की चुनौतियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखना होगा.
ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करने पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता प्रदान करने के निर्णय को याद करते हुए कहा कि यह ग्लोबल साउथ की आवाज को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बुलंद करने की दिशा में एक बड़ा कदम था. उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में भारत वैश्विक शासन की संस्थाओं में सुधार का भी प्रयास करेगा, ताकि विकासशील देशों की आवाज को और अधिक मजबूती मिले.
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