रविवार, यानी 6 अप्रैल को रामनवमी के पावन अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु को बड़ा सौगात देने का जा रहे हैं. दरअसल आज भारत का अपना पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल मिलने जा रहा है. वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल वह ब्रिज होता है जिसका एक हिस्सा ऊपर-नीचे उठता है, ताकि जहाजों को बिना रुकावट के गुजरने का रास्ता मिल सके. इस पुल का नाम है नया पंबन ब्रिज और इसका उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी. इसका आलावा आज ही रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) के बीच भी नई ट्रेन सेवा की शुरुआत की जाएगी.
अब तक मिली जानकारी के अनुसार इस पुल का उद्घटान दोपहर लगभग 12 बजे किया जाएगा. इस समारोह के बाद लगभग 12:45 बजे प्रधानमंत्री रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे. दर्शन के बाद लगभग 1:30 बजे वे इसी राज्य में 8,300 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत वाली अलग-अलग रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. इस अवसर पर वे जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
भारतीय इंजीनियरिंग की एक शानदार उपलब्धि
पंबन पुल, जो लगभग 2.08 किलोमीटर लंबा है और जिसकी लागत 700 करोड़ रुपए से भी अधिक है, केवल स्टील और कंक्रीट का एक ढांचा नहीं है. यह भारतीय इंजीनियरिंग की एक शानदार उपलब्धि का प्रतीक है. इसे आस्था और भविष्य का मार्ग भी माना जा सकता है, क्योंकि यह रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ता है. इस पुल के निर्माण ने भारतीय तकनीकी क्षमता को वैश्विक स्तर पर उजागर किया है और यह देश के बुनियादी ढांचे के विकास में एक नया आयाम जोड़ता है.
111 साल बाद नए कलेवर में पुल
बता दें कि पंबन पुल को सबसे पहले 1914 में दक्षिण भारत में रामेश्वरम की कनेक्टिविटी को जो़ड़ने के लिए बनाया गया है. यही पुल भारत का पहला समुद्र के ऊपर बना रेल पुल था. 111 साल बाद अब ये पुल नए कलेवर में तैयार है.
जहाज और ट्रेन दोनों ही आसानी से गुजर सकते हैं
इस पुल की खासित ये है कि ये जहाज के गुजरने की सुविधा भी देता है. इस पुल की लंबाई- 2.08 किलोमीटर है. वहीं 18.3 मीटर के 99 स्पैन और 72.5 मीटर का एक वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर की ऊंचाई तक उठता है. नया पंबन पुल पुराने ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है. इससे बड़े पानी से बड़े जहाजों को भी गुजरने में आसानी होगी और निर्बाध ट्रेन संचालन की सुविधा मिलती है.
पंबन ब्रिज पर ट्रेन की अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा है, लेकिन फिलहाल सुरक्षा कारणों से इसे 80 किमी प्रति घंटा ही रखा गया है. वहीं तेज हवाओं के बाद पुल पर ट्रैक्शन सिस्टम सुचारू रूप से काम करेगा.
इस पुल को बनाने में लगभग 750 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के डायरेक्टर एमपी सिंह की मानें तो, यह नया पंबन ब्रिज अगले 100 सालों तक 80 किमी प्रति घंटे की गति पर ट्रेन संचालन के लिए पूरी तरह सुरक्षित रहेगा. हालांकि, यह पुल 160 किमी प्रति घंटे तक की स्पीड को भी सहन कर सकता है, लेकिन रामेश्वरम छोर पर उसकी कर्वचर के कारण, स्पीड को सुरक्षा की दृष्टि से 80 किमी प्रति घंटा तक सीमित रखा गया है.
8,300 करोड़ रुपये की रेल और सड़क परियोजनाओं की शुरुआत
इसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत वाली विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और इन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इन परियोजनाओं में प्रमुख रूप से एनएच-40 के 28 किलोमीटर लंबे वालाजापेट-रानीपेट खंड को चार लेन में परिवर्तित करना, एनएच-332 के 29 किलोमीटर लंबे विलुप्पुरम-पुदुचेरी खंड को चार लेन बनाना, एनएच-32 का 57 किलोमीटर लंबा पूंडियनकुप्पम-सत्तनाथपुरम खंड और एनएच-36 के 48 किलोमीटर लंबे चोलापुरम-तंजावुर खंड का निर्माण शामिल है.
ये नए राजमार्ग तीर्थ स्थलों और पर्यटन केंद्रो को आपस में जोड़ेंगे, जिससे शहरों के बीच यात्रा का समय कम होगा और मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों और बंदरगाहों तक पहुंच आसान होगी. साथ ही, ये सड़कें स्थानीय किसानों को अपने उत्पादों को बाजारों तक पहुंचाने में मदद करेंगी और चमड़ा तथा लघु उद्योगों की आर्थिक गतिविधि को भी बढ़ावा देंगी.
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