Arvind Panagariya on Freebies: अर्थशास्त्री और 16 वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने गुरुवार (9 जनवरी 2025) को कहा कि लोगों को यह तय करना है कि उन्हें मुफ्त की चीजें चाहिए या फिर वे बेहतर सड़कें, अच्छी जल निकासी व्यवस्था और बेहतर जलापूर्ति की सुविधा चाहते हैं. उन्होंने आयोग के प्रतिनिधिमंडल और गोवा के शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों के बीच एक बैठक के बाद ये बयान दिया है.
राज्यों के बुनियादी ढांचे के लिए आवंटित फंड का कथित तौर पर मुफ्त चीजें बांटने के लिए इस्तेमाल किए जाने के बारे में पूछे गये एक सवाल पर पनगढ़िया ने कहा कि यदि पैसा परियोजनाओं के लिए दिया गया है, तो इसका उपयोग उन कार्यों के लिए ही किया जाना चाहिए. हालांकि, लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार ही अंतिम फैसला करती है.
उन्होंने कहा, “फैसला वित्त आयोग नहीं करता है. वित्त आयोग वृहद आर्थिक स्थिरता के हित में इस मुद्दे को उठा सकता है. आयोग सामान्य स्तर पर कुछ कह सकता है लेकिन यह नियंत्रित नहीं कर सकता कि राज्य राशि कैसे खर्च करें.”
नागरिक तय करें उन्हें क्या चाहिए: अरविंद पनगढ़िया
पनगढ़िया ने कहा कि जिम्मेदारी आखिर नागरिकों पर है, क्योंकि वे सरकारें चुनते हैं. उन्होंने कहा, “अगर नागरिक मुफ्त सुविधाओं पर आधारित सरकार के लिए वोट करते हैं, तो वे मुफ्त चीजें मांगेंगे. आखिरकार, नागरिकों को यह तय करना चाहिए कि वे क्या चाहते हैं. क्या वे बेहतर सुविधाएं, बेहतर सड़कें, बेहतर जल निकासी सुविधा, बेहतर पानी चाहते हैं या फिर मुफ्त की चीजें चाहते हैं जिसमें आपके बैंक खातों में राशि का अंतरण भी शामिल है.”
आयोग के सदस्यों के साथ बैठक के दौरान, गोवा के अधिकारियों ने केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के तहत तटीय राज्य के हिस्से को चार गुना बढ़ाने की मांग की. बैठक में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और कई मंत्री शामिल हुए.
पनगढ़िया ने कहा कि गोवा सरकार ने आयोग से अपनी हिस्सेदारी 0.38 प्रतिशत से बढ़ाकर 1.76 प्रतिशत करने का आग्रह किया है. यह व्यावहारिक रूप से गोवा की (वर्तमान) हिस्सेदारी का चार गुना है. वित्त आयोग के चेयरमैन ने कहा कि गोवा ने कई क्षेत्रों में 13 विशेष परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 32,706 करोड़ रुपये की भी मांग की है.
उन्होंने कहा कि गोवा ने सुझाव दिया कि राज्यों को केंद्र की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जानी चाहिए. पनगढ़िया ने कहा, “यह एक आम सुझाव है जो राज्यों से आती रहे हैं. गोवा 15वां राज्य है जिसका हम दौरा कर रहे हैं. 15 में से 14 राज्यों ने कहा है कि हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जानी चाहिए. एक राज्य ने सुझाव दिया है कि यह 45 प्रतिशत होनी चाहिए.”
ये भी पढ़ें:
‘भारत ने ऐतिहासिक कदम उठाया’, जिनोम इंडिया प्रोजेक्ट की शुरूआत पर बोले पीएम मोदी
india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi
ENGLISH NEWS