सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (10 जुलाई, 2025) को साफ किया कि उसने फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ के प्रदर्शन के खिलाफ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार करते समय कोई लिखित आदेश पारित नहीं किया था.
आरोपी मोहम्मद जावेद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि पीठ की टिप्पणी ‘फिल्म को रिलीज होने दीजिए’ के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हुई है. इसके बाद जस्टिस सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ की ओर से यह स्पष्टीकरण आया है.
आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पक्षपातपूर्ण
सिब्बल की तरफ से स्पष्टीकरण मांगे जाने पर पीठ ने कहा कि उसने यह टिप्पणी की थी, लेकिन कोई लिखित आदेश पारित नहीं किया गया था और अदालत ने तत्काल सुनवाई के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था. सिब्बल ने कहा कि 11 जुलाई को फिल्म की रिलीज निर्धारित होने के कारण आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पक्षपातपूर्ण हो जाएगा.
उन्होंने पीठ को बताया कि इस मामले में हाई कोर्ट का रुख किया गया, जिसने उनसे कहा है कि वे 9 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण मांगे. उन्होंने कहा, ‘याचिका पर सुनवाई नहीं हुई है और अदालत की मौखिक टिप्पणी से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है.’
‘फिल्म को रिलीज होने दीजिए’
जस्टिस बागची ने कहा कि फिल्म नहीं दिखाई जानी चाहिए तो दूसरी ओर जस्टिस धूलिया ने कहा कि कोर्ट ने केवल यह कहा था कि वह तत्काल सुनवाई नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसे लेकर किसी प्रकार का भ्रम नहीं होना चाहिए. 9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया था और कहा था, ‘फिल्म को रिलीज होने दीजिए.’
पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की थी, जब हत्या के मामले में एक आरोपी के वकील ने कहा कि फिल्म की रिलीज से मामले की सुनवाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. वकील ने कहा कि फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होगी और इसके निर्माताओं ने फिल्म का ट्रेलर जारी कर दिया है, जिससे यह आशंका पैदा हो गई है कि इससे मामले की सुनवाई प्रभावित होगी और आरोपी के निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन होगा.
आठवें आरोपी ने कोर्ट में दायर की थी याचिका
पीठ ने कहा, ‘फिल्म को रिलीज होने देना दीजिए. आप (ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अदालत के दोबारा खुलने पर) नियमित पीठ के समक्ष इस याचिका का उल्लेख कीजिए.’ याचिका मोहम्मद जावेद की ओर से दायर की गई थी, जो इस मामले में आठवें आरोपी के रूप में मुकदमे का सामना कर रहा है. जावेद ने मामले की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी.
याचिकाकर्ता ने कहा कि फिल्म अपने ट्रेलर और प्रचार सामग्री से ‘सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ’ दिखती है और इस समय फिल्म को रिलीज करने से सुनवाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है.
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