Kisan Mahapanchayat: पंजाब-हरियाणा सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच किसानों ने घोषणा की है कि वे 4 जनवरी को खनौरी में एक “किसान महापंचायत” का आयोजन करेंगे. ये फैसला केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर किया गया है जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी प्रमुख है.
किसान संगठनों सयुंक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने मिलकर इस महापंचायत को आयोजित करने का फैसला लिया है. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि “4 जनवरी को खनौरी सीमा पर लाखों किसान इकट्ठा होंगे और महापंचायत का आयोजन होगा. ये आंदोलन किसानों की एकता और उनके अधिकारों के लिए किया गया एक महत्वपूर्ण कदम है.”
जगजीत सिंह दल्लेवाल की बिगड़ती सेहत
यह फैसला उस समय लिया गया जब एसकेएम नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जो 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर हैं और उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है. किसानों का कहना है कि दल्लेवाल चाहते हैं कि वे उन किसानों से मिलें जिनकी उन्होंने 44 सालों तक सेवा की है. डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि उनकी सेहत कभी भी कंट्रोल से बाहर हो सकती है.
शनिवार (28 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई जो डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने में नाकाम रही. कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसानों के विरोध के बीच स्वास्थ्य सेवा में लापरवाही नहीं की जा सकती. पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने बताया कि डल्लेवाल की सेहत की निगरानी के लिए आठ डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई है.
किसान आंदोलन के चेहरे बने जगजीत सिंह डल्लेवाल
70 वर्षीय जगजीत सिंह डल्लेवाल किसान आंदोलन के नए प्रतीक बनकर उभरे हैं. उनकी खराब सेहत ने न केवल सरकार बल्कि विपक्ष और सुप्रीम कोर्ट का भी ध्यान आकर्षित किया है. 4 जनवरी को आयोजित महापंचायत में उनका संबोधन आंदोलन के अगले चरण की दिशा तय कर सकता है.
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