जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सोमवार (31 मार्च, 2025) को सुरक्षाबलों और आतंकियों के मुठभेड़ हुई. इस एनकाउंटर के बाद कठुआ के बिलावर इलाके में सैन्य बलों ने तीन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को घेर लिया है. सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच फायरिंग से इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
ताजा जानकारी के मुताबिक बिलावर इलाके के पंजतीर्थी में सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर लिया है और पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. सैन्यबलों की ओर से इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
कठुआ जिले में हर आतंकी की खात्मे तक जारी रहेगा अभियान- बोले डीआईजी
जम्मू-कठुआ रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) शिव कुमार शर्मा ने सोमवार को क्षेत्र की पहाड़ियों में सक्रिय हर आतंकवादी को खत्म करने के लिए पुलिस बल की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि कठुआ जिले में अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक कि आखिरी आतंकवादी को मार नहीं गिराया जाता.
उन्होंने सीमा के आसपास रहने वाले नागरिकों से किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने का आग्रह करते हुए कहा कि पुलिस जनता से मिली जानकारी पर निर्भर करती है. शर्मा ने रियासी में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अभियान जारी है और जब तक एक भी आतंकवादी बचा है, जम्मू-कश्मीर पुलिस अपना मिशन जारी रखेगी. हमारा बल जम्मू-कश्मीर को सुरक्षित रखने के लिए आतंकवाद को खत्म करने के लिए समर्पित है.’’
पुलिसकर्मियों की बहादुरी को डीआईजी ने किया सलाम
डीआईजी ने सुरक्षा बलों के सामूहिक प्रयास पर जोर दिया और कहा, ‘‘सेना, सीआरपीएफ और अन्य बलों के साथ समन्वय में हमारे अभियान चल रहे हैं. हम एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं और तलाशी अभियान जारी रहेगा.’’ पुलिस कर्मियों की बहादुरी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्र हमारे अधिकारियों के साहस को सलाम करता है जो बिना डरे गोलियों का सामना करते हैं और शहादत को गले लगाते हैं, फिर भी वे शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की अपनी प्रतिबद्धता से कभी नहीं डगमगाते.’’
शर्मा ने पुलिसकर्मी तारिक अहमद के परिवार से मुलाकात की, जिन्होंने अपने तीन साथियों के साथ 27 मार्च 2025 को कठुआ में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी थी. शहीद अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इन बहादुर कर्मियों ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षित माहौल बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. जम्मू-कश्मीर पुलिस अपने कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हटेगी.’’
डीआईजी ने विशेष रूप से पुलिस अधिकारियों बलविंदर, जसवीर और जसवंत की वीरता को स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘अगर वे आतंकवादियों से निपटने में टीम का नेतृत्व नहीं करते, तो हमलावर कहीं और भाग सकते थे, और अधिक विनाश कर सकते थे.’’
शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए शर्मा ने कहा, ‘‘हमने शहीदों के परिवारों से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त की और उन्हें आश्वासन दिया कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है. उनके साहस और बलिदान ने जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक नागरिक और पुलिस अधिकारी को गौरवान्वित किया है.’’
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