ED Action: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 10.77 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है.
ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की है. इस घोटाले में तत्कालीन कुलपति सुनील कुमार, पूर्व रजिस्ट्रार राकेश सिंह राजपूत, पूर्व वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा, बैंक अधिकारी कुमार मयंक, रामकुमार रघुवंशी और अन्य निजी व्यक्तियों के शामिल होने की बात सामने आई है.
क्या है RGPV घोटाला?
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) मध्य प्रदेश का प्रमुख तकनीकी विश्वविद्यालय है, जहां हजारों छात्र इंजीनियरिंग और अन्य तकनीकी कोर्सों की पढ़ाई करते हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षों में फंड के गबन का बड़ा मामला सामने आया, जिसमें करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगा.जांच में पता चला कि विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों और कुछ बैंक कर्मियों ने मिलकर फर्जीवाड़ा किया और सरकारी फंड का दुरुपयोग किया. यह पैसा कई बोगस खातों में ट्रांसफर किया गया और निजी उपयोग में लाया गया.
ईडी की कड़ी जांच और बड़ी कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय ने इस घोटाले में शामिल सभी संदिग्ध व्यक्तियों की संपत्तियों की पहचान की और अब 10.77 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच कर लिया है. इन संपत्तियों में बैंक खातों में जमा रकम, प्लॉट, फ्लैट, महंगी गाड़ियां और अन्य चल-अचल संपत्तियां शामिल हैं. ईडी की इस कार्रवाई से घोटाले में शामिल लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
छात्रों और शिक्षकों में आक्रोश
इस घोटाले से विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों में भारी आक्रोश है. छात्रों का कहना है कि यह पैसा उनके भविष्य और शिक्षा के लिए इस्तेमाल होना चाहिए था लेकिन भ्रष्टाचार के कारण उनकी सुविधाओं पर असर पड़ा. ईडी की इस कार्रवाई ने फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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