सहारा ग्रुप की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने एंबी वैली की 707 एकड़ जमीन अटैच, बताई जा रही इतनी कीमत

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ED Attach Shahara Properties: कोलकाता ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए लोनावाला की मशहूर एंबी वैली सिटी में करीब 707 एकड़ जमीन को अटैच किया है. इस जमीन की बाजार कीमत लगभग 1460 करोड़ रुपये बताई जा रही है. ये जमीन सहारा ग्रुप ने बेनामी नामों से खरीदी थी और इसमें वो पैसे लगाए गए थे जो सहारा की अलग-अलग कंपनियों से घोटाले के जरिए निकाले गए थे.
ED ने ये जांच तीन अलग-अलग राज्यों ओडिशा, बिहार और राजस्थान में दर्ज की गई FIRs के आधार पर शुरू की थी. ये FIRs Humara India Credit Co-operative Society Ltd (HICCSL) और अन्य सहारा ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120B (साजिश) के तहत दर्ज की गई थी.
सहारा ग्रुप और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ 500 से ज्यादा FIRअब तक सहारा ग्रुप और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ 500 से ज्यादा FIRs दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से 300 से ज्यादा PMLA के तहत दर्ज हुई हैं. इन शिकायतों में कहा गया है कि सहारा ने लाखों लोगों को ज्यादा मुनाफा देने का झांसा देकर पैसे जमा करवाए, फिर ना तो समय पर उनका पैसा वापस किया गया और ना ही ब्याज, बल्कि उन्हें मजबूर किया गया कि वो दोबारा से निवेश करें.
जांच में सामने आया है कि सहारा ग्रुप कई अलग-अलग कंपनियों के जरिए एक बड़ी Ponzi Scheme चला रहा था. इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं- Humara India Credit Co-operative Society Ltd (HICCSL), Sahara Credit Cooperative Society Ltd (SCCSL), Saharayn Universal Multipurpose Cooperative Society (SUMCS), Stars Multipurpose Cooperative Society Ltd (SMCSL), Sahara India Commercial Corporation Ltd (SICCL), Sahara India Real Estate Corporation Ltd (SIRECL), Sahara Housing Investment Corporation Ltd (SHICL)
जमा रकम को गलत तरीके से इस्तेमाल किया गयाइन कंपनियों ने लोगों को मोटा मुनाफा और एजेंट्स को बढ़िया कमीशन का लालच दिया. जमा की गई रकम को नियमों के खिलाफ गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया, बिना जमाकर्ताओं को कोई जानकारी दिए. पैसे लौटाने की जगह लोगों को जबरदस्ती उनकी मैच्योरिटी रकम को फिर से किसी और स्कीम में निवेश करवाया गया. अकाउंट्स में हेरफेर कर के ये दिखाया गया कि पुराना पैसा लौटाया जा रहा है लेकिन असल में उसे नई स्कीम में इन्वेस्ट दिखा दिया गया.
ED ने 2.98 करोड़ की नकदी की जब्तED ने जांच के दौरान कई लोगों के बयान भी दर्ज किए है, जिनमें जमाकर्ता, एजेंट, सहारा ग्रुप के कर्मचारी और अन्य लोग शामिल हैं. इसी मामले में छापेमारी भी की गई जिसमें करीब 2.98 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई. जांच में ये भी पाया गया कि सहारा ग्रुप ने अपनी कई प्रॉपर्टीज को बेचकर नकद में भुगतान लिया, जिससे टैक्स और जमाकर्ताओं की रकम से बचा जा सके. 
इस तरह लोगों को उनका हक मिलने से वंचित कर दिया गया. मामले में फिलहाल जांच जारी है और ED का कहना है कि आगे और भी खुलासे हो सकते हैं.
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